लहसुन से ऐसे पसीने की दुर्गंध भगाएं

garlic

हेल्थ डेस्क। लहसुन के औषधीय गुणों से ज्यादातर लोग परिचित हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद पाया है कि इसका नियमित सेवन लोगों को आकर्षक बनाने में भी मददगार हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, लहसुन की कच्ची कलियों का सेवन करने से पुरुषों के पसीने की कुदरती गंध आकर्षक हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, लहसुन एक बेहद पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसके सेवन के बाद बगल में पैदा होने वाला पसीने की गंध अनाकर्षक नहीं होती। इससे पता चलता है कि व्यक्ति स्वस्थ है। लहसुन में एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें वायरसरोधी और कवकरोधी गुण भी होते हैं। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि यह ठंड से बचाने में भी सहयोगी हो सकता है। इतना ही नहीं, यह उच्च रक्तचाप और कुछ प्रकार के कैंसर के रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
स्कॉटलैंड की स्टर्लिंग यूनिविर्सिटी और चेक गणराज्य की चार्ल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, लहसुन में बैक्टीरियारोधी गुण होते हैं इसलिए इसके सेवन से पसीने की गंध का अवांछित कड़वापन कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा, निश्चित रूप से शरार की बू सामाजिक मेलजोल में सबसे अधिक भूमिका निभाती है। इसकी व्यक्ति के निजी रिश्तों में भी महत्पूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा, हमारे अध्ययन के नतीजों से संकेत मिला कि लहसुन का सेवन शारीरिक गंध को अनुकूल बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। संभवत: ऐसा बैक्टीरिया रोधी और एंटी ऑक्सीडेंट जैसे स्वास्थ्यकारी गुणों के कारण होता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हमारे शरीर की गंध पर खानपान का असर पड़ता है। इस अध्ययन में 42 पुरुषों को प्रतिभागी बनाया।
पर्याप्त मात्रा में सेवन प्रभावी
शोधकर्ताओं ने कहा कि पसीने की गंध में उल्लेखनीय बदलाव तभी होता है जब लहसुन का पर्याप्त सेवन किया जाए। अध्ययन के दौरान जिन प्रतिभागियों ने ब्रेड और चीज के साथ छह ग्राम लहसुन (करीब दो कलियां) खाया उनके पसीने की गंध में कोई सुधार नहीं हुआ। लेकिन जब लहसुन की मात्रा 12 ग्राम कर दी गई तब उनके पसीने की गंध में सुधार हुआ। लिहाजा बेहतर परिणाम के लिए लहसुन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना जरूरी है। यह अध्ययन एपेटाइट जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
महिलाओं के लिए भी लाभदायक
पहले किए गए अध्ययनों में यह देखा गया है कि लहसुन के सेवन से महिलाओं के दूध की गंध पर भी असर पड़ता है। इससे नवजात शिशु अपनी मां के दूध का अधिक तेजी से पान करते हैं। जिसके चलते नवजात के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।