अधिकारी और प्रधान मिलकर खा गये घर-घर शौचालय का पैसा

toilate scheme

जौनपुर। जनपद में केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनायें दम तोड़ती नजर आ रही हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों को मिलता नहीं दिख रहा है। शौचालय बनाने की योजना में करोड़ों रूपये की रकम सरकार खर्च कर प्रत्येक गांव में घर-घर शौचालय बनाने के लिए प्रयासरत है। मगर भ्रष्टाचार के चलते यह योजना कागजों तक ही सिमिति रह गयी है और यहां एक तिहाई घरों में भी शौचालय नहीं बने। ज्ञात हो कि भारत सरकार के पुर्ननिर्माण निर्देशकों के अन्तर्गत स्वच्छता कायक्रम 1985 में शुरू में किया गया। इस कार्यक्रम के तहत गांव के प्रत्येक घरों में शौचालय निर्माण कराया जाना निहित था। शौचालय के निर्माण के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपये का सरकारी धन जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से ग्राम पंचायत के खाते में भेजी जाती है। इस धनराशि को ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के नाम से केन्द्र सरकार ने नयी योजना शुरू करके शौचालय निर्माण के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया। जिले में प्रत्येक वर्ष प्रचार प्रसार व निर्माण में हुआ। सब कुछ होने के बाद भी आज तक गांवों में कुछ घरों को छोड़कर शौचालय नहीं बनवाये गये हैं। यह योजना पूरी तरह से पूरी तरह से ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी तथा प्रधानों के भ्रष्टाचार के चलते उद्देश्य से भटक चुकी है। शौचालयों की धनराशि भेज दी गयी लेकिन निर्माण कार्य नहीं हो सका। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि सरकारी अभिलेखों में जिस तरह से आंकड़ों का ताना बाना जिस तरह से बुना गया है कि पहली नजर में सब कुछ ठीक नजर आता है लेकिन वास्तविकता में जांच किया तो हालात बहुत बदतर है। कागजी कार्रवाई को चाक चौबन्द रखने के लिए शौचालय के निर्माण का भैातिक सत्यापन फर्जी तरीके से कराकर भारी कमीशन लेकर भुगतान कर दिया गया है।