फर्जी दस्तावेज लगा कर रजिस्ट्री कराने वालों पर होगी कार्यवाही

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महानिरीक्षक निबन्धन आशीष कुमार गोयल ने जमीनों, वसीयतों एवं गोदनामों आदि प्रकरणों में पारदर्शिता लाने एवं अवांछनीय तत्वों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन (रजिस्ट्री) को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही प्राथमिकता से करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे फर्जी प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण कराने हेतु अब दीवानी न्यायालय की बजाय जनपद स्तर पर तैनात सहायक महानिरीक्षक निबन्धन को उनकी सुनवाई कर ऐसे विलेखों को रद्द करने के अधिकार दिनांक 13 अगस्त, 2013 से सहायक महानिरीक्षक निबन्धन को दिये गये हैं। यह व्यवस्था उच्च न्यायालय आन्ध्र प्रदेश द्वारा पारित आदेश के दृष्टिगत पूर्व से ही लागू है। उक्त व्यवस्था के सम्यक अनुपालन हेतु आगामी 1 दिसम्बर, 2015 से खरीदने एवं बेचने वाले व्यक्तियों के साथ-साथ गवाहों को भी अपनी पहचान हेतु सम्बन्धित दस्तावेजों के साथ-साथ फोटो लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों की सुनवाई का निस्तारण पारदर्शिता के साथ एवं तत्काल कराने हेतु यह व्यवस्था की जा रही है। महानिरीक्षक निबन्धन आशीष कुमार गोयल ने समस्त विभागीय अधिकारियों सहित जिलाधिकारियों को निर्देश निर्गत कर कहा है कि रजिस्ट्रेशन अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुये छद्म प्रतिरूपण रोकने के उद्देश्य से कार्यालय में प्रस्तुत होने वाले प्रलेखों पर खरीदने एवं बेचने वालों के साथ-साथ गवाहों की पासपोर्ट साइज फोटो अनिवार्य रूप से चस्पा करायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि कम्प्यूटर द्वारा प्रलेखों का निबन्धन करते समय के्रता एवं विके्रता के साथ गवाहों की फोटो भी वेब कैमरा से अवश्य लिये जायें। उन्होंने कहा कि जब तक कम्प्यूटर में प्रलेखों के निबन्धन की पूर्ण व्यवस्था न हो जाये, तब तक एक अतिरिक्त फोटो लेकर कार्यालय में सुरक्षित की जानी होगी। उन्होंने कहा कि इस बात का भी प्रयास किया जाये कि खरीदने एवं बेचने वालों के साथ-साथ गवाहों के मोबाइल नं. भी दस्तावेजों में अंकित कराये जायें।
गोयल ने यह भी निर्देश दिये कि बैनामा कराते समय खरीददार एवं बेचने वाले के साथ-साथ गवाहों की पुष्ट पहचान एवं पत्र व्यवहार के पते की प्रमाणिकता सुनिश्चित किये जाने हेतु मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्मार्ट कार्ड तथा बैंक या डाकघर द्वारा निर्गत फोटोयुक्त पासबुक आदि को प्रमाण स्वरूप साक्ष्य में प्रत्येक दशा में लिया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि निबन्धनकर्ता अधिकारी द्वारा उसकी मूल प्रति से मिलान भी सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होगा।