कांग्रेस बोली: मुलायम के बयान से सामाजिक समरसता को है खतरा

congress logoलखनऊ। कांगे्रस पार्टी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा उत्तर प्रदेश की कुछ अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने पर कड़ा विरोध जताया है।  यूपी कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने सपा मुखिया के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि मुलायम सिंह जैसे वरिष्ठ राजनीतिज्ञ को इस तरह की असत्य बातें नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति नियम में संसद द्वारा संशोधन करना होगा जो कि राज्य का कतिपय विषय नहीं है। वह अपने पुराने कार्यकाल में विधानसभा से इस तरीके का प्रस्ताव पहले भी बिना किसी फारमेट के केन्द्र की यूपीए सरकार को भेजा था जिसमें केन्द्र सरकार तथा संसद ने उनसे वह प्रस्ताव विधिवत फारमेट में भेजने के लिए कहा था जो उन्होने आज तक नहीं भेजा है। इस प्रकार के गलत तथ्यों को प्रस्तुत करके समाजवादी पार्टी समाज के निचले स्तर तक सामाजिक समरसता को कहीं न कहीं खत्म करने का काम कर रही है जो कि घनघोर निन्दनीय है। राजपूत ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी अतिपिछड़ों की इतनी ही हितचिन्तक है तो उन्हें पिछड़ा वर्ग आरक्षण में एक जाति विशेष को महत्व न देकर समस्त पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ देना चाहिए। लेकिन इसके इतर विगत तीन वर्षों में समाजवादी पार्टी की सरकार में जितनी भी नियुक्तियां हुईं उनमें एक जाति विशेष को महत्व देने का आरोप लगा जिसे हाईकोर्ट ने भी सही पाया, जिसके फलस्वरूप उच्च न्यायालय ने उन नियुक्तियों को करने वाले तमाम आयोगों के अध्यक्षों को और उनके सदस्यों को उनके पद से बर्खास्त किया जिसमें अनिल यादव की बर्खास्तगी प्रमुख है। उक्त उदाहरण से सिद्ध होता है कि समाजवादी पार्टी की सरकार अतिपिछड़ों के हितों को लेकर कतई गंभीर नहीं है तथा वह इन वर्गों का कोई भी भला नहीं चाहती।