प्रणव बोले: गंदगी दिमाग में है, गलियों में नहीं

pranavअहमदाबाद। भारत की गंदगी गलियों में नहीं, बल्कि हमारे मन में है। साबरमती आश्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जिस माहौल में हम रह रहे हैं उसमें गांधी जी के विचार कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं। गांधी जी देश के सिर्फ राष्ट्रपिता नहीं थे बल्कि वो देश के निर्माता थे। उन्होंने समावेशी भारत का सपना देखा जिसमें समाज का हर एक तबका कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ सके। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अहिंसक समाज से ही देश प्रगति कर सकता है। संवाद और तर्क क्षमता के विरोध का रास्ता चुनने की जरुरत है। हमारा,तुम्हारा की मानसिकता से आगे नहीं निकल सके हैं।