वाकई रत्न हैं आजमगढ़वासी फ्रैंक इस्लाम

frank islam

आजमगढ़। भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी फ्रैंक इस्लाम को उत्तर प्रदेश रत्न अवार्ड से नवाजे जाने की सरकार की घोषणा से जिले के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी। उनके गांव के लोग व सहपाठी और चाहने वाले में उन्हे वाकई रत्न मानते है।
न्ंादाव गांव में फ्रैंक इस्लाम के पड़ोसी हफीजुल्लाह कहते कि गैर मुल्क में उन्होने जो मुकाम हासिल किया है वह हौसला बढ़ाने वाला है। वे भले ही अमेरिका में बस गये लेकिन गांव व देश से उनका जुड़ाव खत्म नहीं हुआ है। पड़ोसी सरफराज अहमद कहते है कि उन्होने तरक्की का रास्ता दूसरों सिखाया है। उनके मन में यहां के लिए कुछ करने की चाहत भी थी। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में रहे सहपाठी रहे रैदौपुर मुहल्ला निवासी डा. अहमद सफी अंसारी बताते है कि यूनिवर्सिटी में एक बार मैथमेटिक्स पर एक सेमिनार हुआ था। फ्रैंक के व्यक्तव्य से बाहर से आये डेलीगेट्स काफी प्रभावित हुये। उन्हे यूनाइटेड स्टेट आने का न्यौता भी दिया। उन्होने साबित किया कि वे इस सम्मान के हकदार है। कक्षा 5 के उनके साथी मो. सफिक कहते है कि इतनी तरक्की के बाद भी उनमें कोई अन्तर नहीं आया है। पूराने मित्रो से आज भी वे खत या इमेल के जरिये बातचीत करते रहते है। वे वाकई इससे सम्मान के काबिल है। गांव के दानिश व रिजवान कहते है कि फ्रैंक ने इंजीनियरिंग कालेज बनवाने की घोषणा की है। यह गांव में बने तो यहां के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वे हम सब लोगों के आदर्श है।
फ्रैंक इस्लाम का असली नाम फखरूल इस्लाम है। इनका पुस्तैनी घर मार्टिंनगंज विकास खण्ड के नंदाव में है। कौरा गहनी स्थित फूफा रियाजुद्दीन के घर पले-पढ़े है। फ्रैंक के शुरूआती शिक्षा कौरा गहनी में ही हुई। फिर आगे की पढ़ाई वाराणसी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से की। एएमयू से एमएससी करने के बाद 1971 में ये वहीं लेक्रार हो गये। 1971 में ही अमेरिका गये आज वह अपनी मेहनत से इस मुकाम पर पहुंचे। फ्रैंक की माता का नाम से ग्राम कौरा गहनी में बन रहे लड़कियो के कालेज का काम शुरू हो चुका है। फररी 2014 में उन्होने आजमगढ़ में इंजीनियरिंग कालेज बनाने की घोषणा की थी। वाराणसी के यूपी कालेज की लाइब्रेरी के लिए 50 हजार डालर भी दे चुके है।