भारत रूस से खरीदेगा सुपरसोनिक एवं हाइपर सोनिक मिसाइलें: डीसीए ने दी मंजूरी

missile s400

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद ने गुरुवार को रूस से 39,000 करोड़ की लागत वाले पांच एस-400 सुपरसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने को अपनी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय में रक्षा खरीद परिषद का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले लिया गया है।
चौबीस दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पीएम के बीच इस बारे में समझौता होने की संभावना है। एस-400 सुपसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम में सुपरसोनिक एवं हाइपर सोनिक मिसाइलें होती हैं जो लक्ष्य को भेदने में माहिर होती हैं। एस- 400 की गिनती दुनिया के आधुनिकतम एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों में होती है। रक्षा जानकारों के मुताबिक यह सुपरसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम 400 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोनों या छुपे हुए विमानों पर हमला कर उन्हें गिरा सकता है। इसकी मदद से आसानी से पकड़ में न आने वाले लड़ाकू विमान भी गिराए जा सकते हैं। एस-400 के लांचर से दुश्मन के विमान या मिसाइल पर तीन सेंकड में दो मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं। इससे छूटी मिसाइलें 5 किलोमीटर प्रति सेंकड की रफ्तार से छूटती हैं और 35 किलोमीटर की ऊंचाई तक वार कर सकती हैं। इसके आने से भारत की उत्तरी, उत्तर पूर्वी और उच्चर पश्चिमी सीमा को जबरदस्त सुरक्षा मिलेगी। भारत इस तरह की 6000 मिसाइलें रूस से खरीदेगा। एस-400 के अलावा रक्षा खरीद परिषद ने गुरुवार को सेना के लिए पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट लांचर सिस्टम की 6 रेजीमेंट बनाने पर भी मुहर लगा दी। पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट सिस्टम पर 14600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही रक्षा खरीद परिषद ने 310 करोड़ की लागत से सेना के लिए 571 बुलेट प्रूफ वाहन खरीदने पर भी मुहर लगाई है।