बाबा मैगी तो बना दी अब तिल के लड्डू भी बनवा दें : अखिलेश

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लखनऊ। उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश के बच्चों के मिड डे मील के लिए पतंजलि के बने तिल के लडडू चाहिए। उन्होने बुधवार को किसानों को सम्मानित करने के कार्यक्रम में कहा कि जब बाबा रामदेव मुझसे मिलने आए तो मैंने कहा कि बाबा आप ने मैगी तो बना दी। बुंदेलखंड में तिल बहुत होता है। आप तिल के लड्डू भी बनवा दें तो मैं स्कूलों में मिड ले मील में बंटवा देंगे। हम दूध तो दे ही रहे हैं फल भी देंगे।
अखिलेश ने कहा कि उप्र में बिल गेट्स और टाटा ट्रस्ट अच्छा काम कर रहे हैं। लोगों ने 30.40 साल पुराने खाने के परंपरा गत तरीके को छोडक़र नए खाने की तरफ चले गए। इससे ही दिक्कतें बढ़ीं। इसीलिए लोग आर्गेनिक की ओर लौट रहे हैं। वही पुराना खाना गुड़, तिल, बाजरा मक्का। मक्के की रोटी को लोग अच्छा नहीं मानते लेकिन कार्नफ्लैक्स अच्छा लगता है। इसके लिए किसानों को जागरुक होना पड़ेगा। कृषि विवि के वैज्ञानिकों का साथ लेना पड़ेगा। वे लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे पर दूध, अनाज, फल, सब्जी और आलू की मंडियां खोलेंगे जिससे किसानों को उनकी वाजिब कीमत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिसर्च कहती है कि गाय खुश होकर दूध देती है तो अच्छी चाकलेट बनती है लेकिन जमाना बदल रहा है। यहां तो गाय के चरने की जगह ही नहीं बची। जब गाय के चरने के लिए जगह ही नहीं होगी तो वह खुश क्या होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन होता है। सबसे बड़ा बाजार भी है। इसीलिए मदर डेयरी ने अपना प्लांट शुरू कर दिया है। अमूल अपने तीन प्लांटों में से दो कानपुर और लखनऊ के अगले साल शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने के लिए वे चीनी मिलों पर दबाव बनाएंगे और जरूरत पडऩे पर कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। उन्होंने केंद्र की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुरानी सरकार ने बाहर से इतनी चीनी मंगवा दी कि चीनी के दाम कम हो गए। इससे किसानों के सामने संकट आ गया। चीनी मिलों और किसानों के बीच संतुलन बनाए रखने को उनकी सरकार ने बजट से पहली बार 3000 करोड़ की सहायता किसानों के लिए दी। उन्होंने कहा कि सरकारी और सहकारी चीनी मिलों को उन्होंने पूरा भुगतान करा दिया है। मोहिद्दीनपुर चीनी मिल पुरानी सरकार बेचने जा रही थीए उन्होंने चालू करवाई। मोहिद्दीनपुर मिल अब चल रही है और भुगतान भी कर रही है लेकिन मोदी चीनी मिल भुगतान नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार आई थी तो चीनी का भाव बाजार में महंगा था। इसलिए उन्होंने एक साथ 40 रुपए प्रति कुंतल गन्ना मूल्य बढ़ा दिया था।