सपा ने अपनों पर चलाया नश्तर

cm new

लखनऊ। समाजवादी पार्टी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी की गुटबाजी को काबू में करने के लिए नश्तर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। शुक्रवार को पार्टी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी दो युवा नेताओं आनंद भदौरिया व सुनील यादव साजन को बर्खास्त करना पड़ा। इसके साथ ही एटा के विधायक रामेश्वर यादव के बेटे सुबोध यादव को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। गोंडा से मंत्री पंडित सिंह को भी चेतावनी दी गई है। सपा ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ काम करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी दी गई है वे अगर चुनाव नहीं जिता पाएंगे तो उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है। इससे पहले गोरखपुर में पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करने वाले कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। अब आनंद भदौरिया व सुनील यादव साजन के खिलाफ कार्रवाई करके स्पष्ट संदेश दिया गया है। सुनील उन्नाव और भदौरिया सीतापुर के रहने वाले हैं। दोनों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता रहा है। इतना ही नहीं दोनों उनकी युवा टीम का प्रमुख चेहरा भी माने जाते रहे हैं। बांदा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बदल दिया गया जबकि गोण्डा को लेकर संशय अभी बना हुआ है। इससे पहले अमरोहा में पार्टी के दिग्गज नेता एवं मंत्री महबूब अली की पत्नी शकीना बेगम का टिकट काट दिया गया था। बांदा में अब दीपा सिंह की जगह सरिता द्विवेदी सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवार होंगी। गोण्डा में सपा ने पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह की पत्नी विजयलक्ष्मी सिंह को प्रत्याशी घोषित कर रखा है लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह अपनी बहू को प्रत्याशी बनाए जाने के लिए दबाव बनाए हुए हैं।