किसानों की अनदेखी करने में जुटी हैं अखिलेश सरकार: बीजेपी

bjp

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार राज्य में बदहाल किसानों के मुद्दे पर जरा भी संवेदनशील होती तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने आदेशों पर अमल करते। अभी राज्य में हुई ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई गेहॅू की फसलों के समय भी मुआवजे के वितरण में इसी तरह का मामला सामने आया था चौतरफा घिरी सरकार ने आश्वस्त करते हुए कहा, न्यूनतम मुआवजा भी तय किया था। जब न्यूनतम मुआवजा सरकार ने तय कर दिया था कि इससे कम नहीं तो अब किन परिस्थितियों और किन के निर्देशों से किसानों को 25 और 28 रुपये के चेक बांटे जा रहे है। संवेदनहीनता और लापरवाही का आलम यह है कि चेकों पर कई जगहों पर साल के 12 महीने के बजाय 15वें महीनें का जिक्र है। स्पष्ट है कि लापरवाही हुई है। अब भूखमरी और प्रकृति की मार झेल रहा किसान यदि त्रुटि को ठीक कराने जाय तो जितने का चेक नहीं उससे अधिक आवा-जाही में खर्च।
उन्होंने कहा कि किसान हितैषी होने का दम्भ भरते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसानों के हित में कुछ जमीनी काम भी करते। उन्होंने कहा राज्य में किसान वर्ष मनाने का ढिढोरा पिटती सरकार लगातार किसानों की अनदेखी करने में जुटी हैं। सूखे की मार झेल किसान जब बेहाल बदहाल था तब राज्य की अखिलेश सरकार सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाने में व्यस्त थी। जहां रंगारंग समारोह हो रहे थे क्लीन यूपी, ग्रीन यूपी के नारे दिये जा रहे थे उस इटावा जनपद को भी सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया था। किसान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा था। सैफई परिवार करोड़ों खर्च कर समारोह करने में मस्त था।
पाठक ने कहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव के वक्त से ही बुन्देलखण्ड के किसानों को सुनहरे भविष्य का भरोसा तो दिखाते रहे लेकिन राज्य सत्ता में आने के बाद भी उन्होंने बदहाल लिए किसानों के लिए कुछ नहीं किया। पेड़ों को लगाकर गीनिज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की बात तो करते है पर पेड़ों के बचाव के प्रबन्ध नहीं करते। भाजपा प्रवक्ता ने अखिलेश सरकार को सलाह देते हुए कहा कि रंगारंग कार्यक्रम के आयोजकों के साथ-साथ बदहाल किसानों की भी चिन्ता करती तो बेहतर होता।