नयी दिल्ली। शहरी विकास मंत्रालय में 95 नगरों के लिए प्राप्त स्मार्ट सिटी योजनाओं में स्वच्छ एवं हरित नगर बनने से लेकर एक बहु-कार्य जनजातीय हब बनने तक के विजन स्टेटमेंट की एक व्यापक श्रृंखला शामिल है।50 नगरों की स्मार्ट सिटी योजनाओं पर एक नजर डालने से पता लगा कि 11 नगरों ने स्वच्छ, हरित एवं टिकाऊ नगरों के रूप में उभरने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है जबकि 9 नगर विकास को बढावा देने के लिए समृद्व सांस्कृतिक धरोहर का लाभ उठाना चाहते हैं। 8 नगरों के लिए आर्थिक विकास एवं प्रगति उनके विजन के मूल में है जबकि और दूसरे अन्य कई नगर संबंधित शहरों की अनूठी विशेषताओं एवं ताकतों का लाभ उठाते हुए पर्यटन हब, बंदरगाह नगरों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य हबों, औद्योगिक एवं संस्थागत केंद्रों आदि के रूप में उभरना चाहते हैं। आर्थिक विकास को बढावा देना, जीवन स्तर को बेहतर बनाना एवं समावेशी शहरीकरण को सक्षम बनाए जाने को अधिकांश नगरों के विजन का एक हिस्सा बनाया गया है।जैसाकि मिशन के दिशानिर्देशों के लिए जरूरी है, प्रत्येक मिशन नगरों में नागरिकों के सलाह मशविरों के आधार पर सिटी विजन स्टेटमेंट का निर्माण किया गया है।नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने अपने विजन स्टेटमेंट में एक वैश्विक मानदंड वाले राजधानी नगर के रूप में उभरने का लक्ष्य निर्धारित किया है।अलीगढ़ (उप्र) की परिकल्पना आर्थिक रूप से एक जीवंत, पर्यावरण अनुकूल स्मार्ट सिटी के रूप में उभरने, साथ ही, सामुदायिक सदभाव एवं टिकाऊ शहरी बुनियादी ढांचे को बढावा देने के जरिये धरोहर एवं संस्कृति को संरक्षित करने की है।दाहोद (गुजरात) की इच्छा एक गतिशील दाहोद तथा जनजातीयों के लिए एक बहु-कार्य गतिविधि हब बनने की है।विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) एक स्वस्थ मेट्रोपोलिस नगर बनने का आकांक्षी है जबकि पडोसी राज्य तेलंगाना के वारंगल की इच्छा स्वच्छ एवं हरित बनने के साथ साथ एक गतिशील क्षेत्रीय आर्थिक हब के रूप में उभरने की है।लखनऊ एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के साथ स्वच्छ, हरित और कुशल नागरिकोन्मुखी नगर बनने का इच्छुक है जिसका दृष्टिकोण बेहतर जीवन स्तर के लिए अपनी परंपरा, धरोहर एवं संस्कृति में निहित है।