लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता की अदालत का फैसला सर्वोपरि और सर्वमान्य होता है। प्रदेश के मतदाताओं ने पंचायत चुनावों में समाजवादी पार्टी को भारी जीत दी। जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनावों में 74 जनपदों में 60 अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के निर्वाचित हुए। भाजपा को 06, बसपा को 04, कांग्रेस और रालोद को मात्र एक-एक जनपद में जिला पंचायतों के अध्यक्ष पद हासिल हुए। विपक्ष की ओर से खासकर, भाजपा और बसपा के नेताओं के, जो बयान आए हैं उनमें प्रदेश के पंचायती मतदाताओं के विवेक का पूरा अनादर करते हुए लोकलाज को भी तिलांजलि दे दी गई है। बसपा अध्यक्ष का वश चलता तो वे सरकार के गठन के ही दिन प्रदेश में राष्ट्रपतिराज लगवा देती। जिस जनता ने बहुमत देकर समाजवादी पार्टी को सत्ता में बिठाया उस जनता को शायद वे मताधिकार से भी वंचिंत कर देती। उनके कुशासन को आज भी लोग भूले नही है। उन्हें अपने समय के सत्ता के दुरूपयोग के ही सपने आते रहते हैं। यह उनकी जनविरोधी धौंस है कि सत्ता बदलने पर सभी जीते अध्यक्ष हटा दिये जायेंगे। यह पंचायत के मतदाताओं की अवमानना है।
प्रदेश में एक और बड़बोलें भाजपा नेता है जो गतवर्ष अपनी पार्टी की करोड़ो में सदस्यता का जश्न मना चुके है। ये करोड़ों कागजी मतदाता प्रदेश में होने वाले उपचुनाव हो या पंचायती चुनाव कही दिखाई नहीं दिए। प्रधानमंत्री के क्षेत्र वाराणसी में और खासकर उनके गोद लिए गाँव में भी पंचायत चुनावों में भाजपा का कही अतापता नही मिला है।
रालोद और कांग्रेस को बस मुँह छिपाने को एक-एक जनपद में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद मिल गए हैं। कांग्रेस को तो अमेठी में मुँह की खानी पड़ी है। प्रदेश में इन दलों का प्रभाव क्षेत्र दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है। इन सभी विपक्षी दलों के पास वस्तुत: जनता के हित का कोई मुद्दा ही नही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश को विकास के जिस एजेंडा पर तेजी से ले जा रहे है उससे समाज का हर वर्ग किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक सभी लाभान्वित हो रहे हैं। महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना, समाजवादी पेंशन योजना, कामधेनु योजना, कैंसर अस्पताल और आई0टी0 हब जैसी योजनांए साकार हो रही है। जनता को सन् 2017 में भी अपना भविष्य समाजवादी पार्टी को सौंपने में हिचक नही होगी।