गुजराती शेरों की कब्रगाह बना सैफई लायन सफारी

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लखनऊ। यूपी के सैफई (इटावा) में लायन सफारी व ब्रीडिंग सेंटर में भारतीय शेरों की मौत यह सवाल खड़ा कर रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व उनके पिता सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट को लगातार झटके लग रहे हैं। सफारी में एक और शेरनी तपस्या (साढ़े तीन साल उम्र) ने बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। एक साल में एक शेर व दो शेरनी की बीमारी से मौत हो चुकी है। इसके साथ ही शेरनी हीर के जन्में दो बच्चे भी मर गए थे।
तपस्या को दस दिन पहले गुजरात सैफई की सफारी में लाया गया। कुछ दिन पहले विष्णु व लक्ष्मी नामक दो शेरों की मौत के बाद सफारी में गुजरात से एक शेर व दो शेरनी लायी गईं थीं। इस घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव एसके उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। महोत्सव के कारण सैफई में मौजूद मुख्यमंत्री ने सफारी का भ्रमण भी किया था।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में गुजरात से लायी गयी शेरनी तपस्या बीमार थी, जिसका इलाज गुजरात के सम्बन्धित प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. भुवा द्वारा किया जा रहा था, जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रकरण की जांच के लिए सेवा निवृत्त आईएएस अधिकारी वीएन गर्ग की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी विस्तृत छानबीन कर लापरवाही बरतने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का चिन्हांकन भी करेगी, ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके। चंबल के बीहड़ों से सटी सफारी 600 एकड़ में फैली है। इसके बड़े इलाके में विलायती बबूल का वर्चस्व है। वन विभाग ने जंगल की सूरत बदलने के लिए एक लाख नये पेड़ लगाये हैं।
लॉयन सफारी के लिए 28 दिसंबर को गुजरात के जूनागढ़ से एक शेर पटौदी (साढ़े तीन साल उम्र) और दो शेरनी तपस्या (साढ़े तीन साल उम्र) व जेसिका (सात साल उम्र) को लाये गए थे। जानकारों के मुताबिक पहले गुजरात सरकार ने इन्हें देने से मना कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप कर शेरों को लाने की मंजूरी दिलायी। शेरों को सफारी तक लाने की कार्रवाई मुख्य वन संरक्षक एसके उपाध्याय के निर्देश में अंजाम दी गई थी। शेरनी तपस्या की मौत का कारण खून की कमी ठंडाक मानी जा रही है। यह सभी गुजरात के जूनागढ़ के शंकरबाग जू से लाये गए थे।
याद रहे लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनसभाओं में गुजरात के शेरों को लेकर एक दूसरे पर तंज कसे थे। मोदी ने कहा था कि आप मेरे शेरों को कैसे संभालोगें। तो जवाब में अखिलेश ने कहा था कि गुजरात के शेर को पिजड़े में डाल कर लायन सफारी में पहुंचा दिया गया है।
जांच होगी प्रमुख वन संरक्षक के कामकाज की
मुख्यमंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव एसके उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश के साथ जांच कमेटी भी बना दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में एक शेरनी की मृत्यु की घटना सहित राज्य के वन अभ्यारणों के रख-रखाव में लापरवाही बरते जाने तथा कुछ पक्षी विहारों के जल के अभाव में सूख जाने पर गम्भीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है।
इसके अलावा उन्नाव के नवाबगंज, हरदोई के साण्डी तथा कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी विहार जल के अभाव में सूख गए, जिसके कारण इन स्थानों पर प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रभावित हुआ। इसके अलावा वन अभ्यारणों के रख-रखाव में लापरवाही बरते जाने की शिकायतें भी शासन के संज्ञान में आयी हैं।