नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों की जान बचाने के कार्य को सरकार अकेले नहीं कर सकती। इसके लिए नागरिकों, गैर सरकारी संगठनों और मीडिया की मदद की जरूरत है।
देश में सड़क सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नागरिकों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय अभियान में भाग लेने का आहृवान करते हुए गडकरी ने कहा कि पूरे देश में दुर्घटना के मुख्य स्थलों की पहचान करने में सरकार की मदद करें, ताकि संबंधित अधिकारियों से इन स्थलों को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे दुर्घटना बहुल स्थलों की पहचान और इन स्थलों में सुधारात्मक कार्रवाई करने के काम को मंत्रालय प्राथमिकता दे रहा है। अभी तक 726 दुर्घटना बहुल स्थलों की पहचान की जा चुकी है और इस समस्या के समाधान के लिए 11 हजार करोड़ रूपये की राशि निर्धारित की गई है। सड़क दुर्घटना रोकने के लिए किये गये अन्य उपाय के रूप में वाहन चलाने के लाइसेंस जारी करने की वर्तमान प्रणाली के स्थान पर जल्दी ही पारदर्शी और प्रभावी कम्प्यूटरीकृत लाइसेंस प्रणाली लागू करना है। गड़करी ने कहा कि चालकों को प्रशिक्षित करने और फिटनेस संबंधी मामलों से निपटने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 3,000 से भी अधिक केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। दुर्घटना के शिकार लोगों को जल्दी से जल्दी अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए सड़कों के किनारे उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं में हेलीपैड की सुविधा भी शामिल होगी। सड़क सुरक्षा अभियान एक सप्ताह तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ये पूरे साल लागू रहेगा। उन्होंने घोषणा की कि सड़क सुरक्षा क्षेत्र में काम करने वाली एनजीओ को 3 लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के बारे में योजना बनाई जाएगी। मंत्रालय सड़क और परिवहन क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।