सीएम अखिलेश बोले: निवेशकों के अनुसार बनेंगी नीतियां

cm15janलखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि निवेश के लिए उत्तर प्रदेश से और कोई बेहतर राज्य नहीं हो सकता। यहां जरूरत के हिसाब से भूमि, स्किल्ड एवं नॉन स्किल्ड मानव संसाधन, बड़ा बाजार, निवेश फ्रैण्डली अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, पर्याप्त विद्युत के साथ-साथ विश्वस्तरीय बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई नीतियों को लागू कर रखा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के सुझाव एवं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे भी नीतियों को बनाने का काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल रेनेसाँ में एसोचैम के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार किसी भी संस्था तथा व्यक्ति से सहयोग के लिए तैयार है। प्रदेश के औद्योगिक माहौल में बदलाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से स्पष्ट है कि राज्य सरकार सही दिशा में प्रयास कर रही है। इसीलिए उद्यमियों और निवेशकों का दिनों-दिन प्रदेश के विकास में योगदान देने का रुझान बढ़ रहा है।
श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश को तरक्की एवं खुशहाली के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाना चाहती है, लेकिन यह तभी सम्भव है, जब निवेशक बिना किसी हिचक के प्रदेश में आकर अपने उद्योग स्थापित करें। इसके लिए राज्य सरकार अपने स्तर से ईज़ ऑफ डुइंग बिजऩेस के साथ-साथ तमाम जरूरी नियमों को निवेशक फ्रैण्डली बनाते हुए उचित वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश तेजी से डबल डिजिट ग्रोथ की तरफ बढ़ रहा है। लखनऊ मेट्रो परियोजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि तमाम प्रदेश अपने एक नगर में मेट्रो नहीं चला पा रहे हैं। जबकि प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद के अलावा अब लखनऊ में भी मेट्रो चलाने जा रही है। कानपुर नगर, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा एवं मेरठ में भी मेट्रो चलाने के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने का काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निवेश के लिए बुनियादी सुविधाओं का महत्व अच्छी तरह से समझती है। इसीलिए शुरुआत में जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पी0पी0पी0 मॉडल पर बनाने में सफलता नहीं मिली तो राज्य सरकार ने अपने बजट के माध्यम से इस परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से देश की राजधानी दिल्ली प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जुड़ जाएगी। इससे जहां नगरीकरण पर अंकुश लगेगा, वहीं इसके किनारे स्थापित हो रही मण्डियों के फलस्वरूप किसानों की आर्थिक तरक्की भी होगी। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश की आर्थिक तरक्की एवं निवेश के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इतनी बड़ी परियोजना में जमीन को लेकर कहीं भी विवाद नहीं हुआ और किसानों ने राज्य सरकार की नीति को मानते हुए भूमि उपलब्ध कराने का काम किया। राज्य सरकार अब इस एक्सप्रेस-वे को प्रदेश के पूर्वांचल तक ले जाने के लिए काम कर रही है।