नवाबों के शहर में फेसबुक के दोस्तों की दावत ने बनाया इतिहास

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लखनऊ ।  सोशल नेटवर्क की वर्चुअल दुनिया निराली है। एक ही शहर, एक ही इलाके में रहने वाले बरसों पुराने दोस्त अनायास मिल जाते है। पुराने किस्से भक से ताजा हो जाते है। पुरानी दोस्ती का स्नेहिल स्रोत फिर से बहने लगता है। यहां विचारों का खेल भी गजब है। व्हाट्सअप और फेसबुक ने छिपे विचार और छिपी पसंद को जान पहचान वालों के सामने बेनकाब कर दिया है। इससे भी ज्यादा अनूठे कमाल यहां होते है। सीमाओं को तोड़ते हुए एक देश से दूसरे देश तक।
दरअसल जिंदगी की जद्दोजहद, रोजीरोटी की फिक्र, ट्रैफिक की दुश्वारी, बच्चों और बीबी की मांग-पूर्ति के संतुलन ने समाजिक प्राणी से खाली समय छीन लिया है। इस आपाधापी के बीच फेसबुक के तमाम दोस्त, आपकी पंसद-नपसंद से तालमेल बैठाने वाले, जब रूबरू होते हैं, तो गजब होता है। यह कमाल किया है, राजेश राय ने। राय की फेसबुक के दोस्तों की अच्छी खासी तादात है। उन्होने सोचा क्यों ने आभासी दुनिया के परिचित अपरचित दोस्तों को करीब से महसूस किया जाए। लिहाजा उन्होने अपने फेसबुक दोस्तों को चाय की दावत दे कर एकजुट कर दिया। न्यौता ऐलान भी दिया खुले आम फेसबुक पर पोस्ट देकर। सभी आयें। एक साथ बैठेंगें, बात होती, वर्चुअल स्क्रीन से बाहर प्रकृति की गोद में। 
फेसबुक दोस्तों की यह मुलाकात, लखनऊ शहर से 12 किमी दूर ड्रीम वैली रिसार्ट में आयोजित हुई। ड्रीम वैली भी अदभुत है। यहां का बूढ़ा बरगद आपकी पूरी बेचैनी और मायूसी को ऊर्जा में दबलने के लिए उत्सुक नजर आता है। नदी का किनारा और अमृत पी चुकी सनातन दूब घास का मैदान अपूर्व शांति महसूस कराता है। कुछ परिवार के साथ आये कुछ अकेले। कुछ संकोच में रह गए, गैर पारंपरिक माध्यम से दोस्ती करने वाले कुछ दोस्तों को पारंपररिक तरीके से बुलावे का इंतजार था। अलविदा कह रही शीत ऋतु में दोस्तों का यह मिलन अपने आप में निराला था। उम्मीद है कि आने वाले समय में फेसबुक दोस्तों को कुछ और न्यौते मिलेगें। अगली बार वॉल पर ध्यान रहे न जाने कौन दरियादिल दोस्त हाई-टी या लंच की दावत दे दे। 
दोस्तों को दावत का अनुभव बयां करते हुए राजेश राय कहते है-पूरा दिन फेसबुकिया मित्रों के साथ धमाल में बीता । ड्रीम वैली पार्क में सुबह १०बजे की ठंड में , मित्रों का जो आना शुरू हुआ तो सायं ५ बजे तक आना -जाना लगा रहा । अनिल कुमार उपाध्याय रामेश्वर कुमार जैसे कुछ मित्र २५ साल बाद मिले ,तो पूर्व पीसीएस अधिकारी एस. एन . राय व प्रदीपकुमार गुप्ता का सानिध्य मिला । पत्रकार मित्र श्री के पी तिवारी ,शैलेन्द्र सिंह हरिनाथ सिंह लखन मिश्र इन्द्रेश रस्तोगी जैसे पूर्व परिचित मित्रों ने कार्यक्रम में चार चांद लगाये वहीं बड़ी संख्या में फेसबुक मित्रों से पहली बार रूबरू होने का मौका मिला । मित्रों के साथ आए बच्चे तो ऊंट, घोड़ा, बैलगाड़ी और झूले में ही उलझे रहे पर फेसबुक मित्रों नें परिचय बढ़ाने और बतकही का आनंद उठाया ।
 
 
जबकि फेसबुक दोस्तों की दावत पर शैलेंद्र सिंह ने लिखा है-
फेसबुक फ्रेंडस मीटिंग 
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सोशल मिडिया की बहुत सारी शिकायतों के बीच अच्छी बात यह है की यंहा भी अच्छी और सच्ची दोस्ती हो सकती है.बस नियत साफ़ होनी चाहिए.कुछ समय पहले मित्र राजेश राय ने अपने फेसबुक पर सभी को ड्रीम वेळी पार्क में मिलने का आमंत्रण दिया.राजेश भाई से बहुत पुराने और करीबी सम्बंद है.फेसबुक फ्रेंडस की मीटिंग में हमारे परिवार और दसूरे मित्र भी शामिल हुए.राजनीत और समाज के कई मसलो पर अलग अलग चारचा के बीच पार्क में घूमने के साथ ही साथ चाय , कोफ़ी , छोला भठूरा.सलाद आईसक्रीम और पॉपकॉर्न का आनंद भी लिया गया.
लखनऊ के इंद्राडैम के किनारे बना ड्रीम वेळी पार्क पूरी तरह के प्राकर्तिक सौंदर्य से भरपूर है.पर्यटकों को यंहा आ कर एक अलग तरह की अनुभूति होती है.सरकार को ऐसे निजी प्रयासों को प्रोत्साहन देने की योजना बनानी चाहिए.जिससे पर्यटकों को एक अलग प्राकर्तिक आनद की अनुभूति हो सके.