
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक कर लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना, सेण्ट्रलाइज्ड मेगा काॅल सेण्टर परियोजना, आईटी सिटी परियोजना, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे, निर्माणाधीन ट्राॅमा सेण्टरों एवं 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालयों के निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद गोरखपुर में निर्माणाधीन 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय का निर्माण कार्य वर्तमान माह जनवरी के अन्त तक अवश्य पूर्ण कराते हुये पदों के सृजन एवं उपकरणों की खरीद आदि की कार्यवाही नियमानुसार पारदर्शिता के साथ यथाशीघ्र पूर्ण कराकर क्रियाशील कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुये चिकित्सा विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग को भेजे गये अधियाचन पर भर्ती की कार्यवाही नियमानुसार यथाशीध्र पूर्ण कराने हेतु आयोग से अनुरोध किया जाये। रंजन ने बताया कि निर्माणाधीन 36 ट्राॅमा सेन्टर्स में से 21 ट्राॅमा सेण्टर प्रदेश के कानपुर नगर, फैजाबाद, बस्ती, जालौन, इटावा, फतेहपुर, ललितपुर, बाराबंकी, हरदोई, सहारनपुर, गाजि़याबाद, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय लखनऊ, जौनपुर, कन्नौज, पं0 दीनदयाल उपाध्याय वाराणसी, खुर्जा-बुलन्दशहर, फिरोजाबाद, बांदा, आजमगढ़, उन्नाव, नेशनल हाई-वे 56 सुल्तानपुर जनपदों में आगामी 31 मार्च से क्रियाशील करा दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद मीरजा पुर में ट्राॅमा सेण्टर का निर्माण कराने हेतु भूमि अर्जन में आने वाली समस्या का समाधान हो जाने के फलस्वरूप निर्माण कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कराया जाये। मुख्य सचिव ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने हेतु समस्त पैकेजों के निर्माणकर्ताओं के साथ प्रत्येक सप्ताह विभागीय अधिकारियों को बैठक कर गहन समीक्षा अवश्य करनी होगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित माइल स्टोन के अनुसार आगामी 31 जनवरी तक अर्थ वर्क का कार्य अवश्य पूर्ण करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि यमुना एवं गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुलों का कार्य भी आगामी सितम्बर माह तक निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने होंगे।