हनुमनथप्पा के लिए देश भर में उठा दुआ के लिए हाथ

hanumathappaनई दिल्ली। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के उत्तरी ग्लेशियर में 25 फुट मोटी बर्फ की परत से छह दिन बाद जिंदा निकले लांसनायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ कोमा में हैं। दिल्ली स्थित सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती हनुमनथप्पा के लिवर व किडनी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। रक्तचाप धीमा है। कर्नाटक के धारवाड़ जिले के हनुमनथप्पा को वेंटिलेटर पर रखा है। अगले 48 घंटे अहम हैं। बताया जा रहा है कि आज हनुमनथप्पा का हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाएगा।
उन्हें बचाने की डॉक्टर हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। वहीं देशभर में दुआएं की जा रही हैं। बनारस के गंगाघाट पर विशेष प्रार्थना हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर व थल सेनाध्यक्ष दलबीर सुहाग ने अस्पताल पहुंच इलाज की जानकारी ली। वहीं इसी हादसे में शहीद नौ जवानों के शव मिल गए। सोमवार को बर्फ से निकाले जाने के बाद हनुमनथप्पा को सियाचिन हिमनद बेस कैम्प में लाया गया, फिर एयर एंबुलेंस में दिल्ली पहुंचाया गया। पाक से लगी नियंत्रण रेखा के करीब 19,600 फुट ऊंचाई पर स्थित चौकी 3 फरवरी को हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी। इससे हनुमनथप्पा समेत 10 जवान दब गए। यहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। सेना ने 4 फरवरी को ही कह दिया कि अब किसी के बचने की संभावना ही नहीं है। वहीं उत्तरी सैन्य कमांडर ले. जनरल डीएस हुड्डा ने मंगलवार को कहा, दुखद है कि अन्य सैनिक हमारे साथ नहीं हैं। उम्मीद है कि एक और चमत्कार होगा और हनुमनथप्पा की तबीयत जल्द सुधरेगी।हनुमानथप्पा के जिंदा लौटने से बहुत खुश हूं। मेरे समेत पूरा देश उनकी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहा है।