जाट आंदोलन: हिंसक दंगाइयों और नाकारा अफसरों होगी कार्रवाई

jat andolanचंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा करने वाले दंगाइयों और इसे रोकने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। इन लोगों पर अन्य कार्रवाइयों के साथ-साथ अब उनकी संपत्ति भी कुर्क किए जाने का फैसला लिया गया है। संपत्ति कुर्क कर पीडि़तों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
इसके लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप की जांच की जा रही है। खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री कर्णदेव कंबोज एवं मुख्य संसदीय सचिव नायब सैनी ने पीडि़तों को भरोसा दिलाया है कि दंगाइयों और उनका साथ देने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।
झज्जर में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कंबोज ने कहा कि पीडि़तों के नुकसान की पूरी भरपाई की जाएगी। रैली के दौरान उन्हें जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
जाट आंदोलन प्रभावित क्षेत्रों में रेल संपत्तियों को हुए नुकसान को देखते हुए जीआरपी व आरपीएफ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अलग-अलग जिलों में नुकसान को देखते हुए जीआरपी ने 25 मुकदमे दर्ज किए हैं। वहीं, 30 से ज्यादा मुकदमे आरपीएफ की ओर से दर्ज किए गए हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए गठित की गई टीमों का नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारियों का सौंपा गया है।
मुरथल रेप की घटनाओं की जानकारी के लिए जिन तीन अधिकारियों का नंबर जारी किया था, उनमें एक नंबर इंदौर के एक व्यक्ति का है। अब लोग इस व्यक्ति के पास फोन कर रहे हैं। वह परेशान हो चुका है। एक पत्रकार ने डीआईजी राजश्री सिंह के मोबाइल नंबर पर फोन लगाया तो उसे इंदौर के एक व्यक्ति ने रिसीव किया। उस व्यक्ति ने कहा कि बार-बार फोन आने से वह परेशान हो चुका है। फोन डायरेक्ट्री एप में भी यह नंबर मप्र सर्कल का है।
मुरथल में कथित रेप की घटनाओं पर चश्मदीद ट्रक ड्राइवरों ने दावा किया है कि दंगाइयों ने हथियारों के बल पर महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। निरंजन नामक ट्रक चालक ने बताया कि मैं 1984 के दंगे देख चुका हूं, लेकिन इतना शर्मनाक मंजर नहीं देखा। महिलाएं चिल्ला-चिल्ला कर भाग रही थीं और उपद्रवी उनसे बदसुलूकी कर रहे थे। उनके साथ पुरुष भी थे, लेकिन उपद्रवी इतनी संख्या में थे कि कोई कुछ नहीं कर पाया। उपद्रवी जबरदस्ती महिलाओं को खेतों की तरफ ले जा रहे थे। उनके पास हथियार भी थे। जाम में फंसे निरंजन के ट्रक को भी दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। दूसरे ट्रक ड्राइवर सुखविंदर ने भी कहा कि उसने देखा कि करीब 50 महिलाओं को खींचकर खेतों की तरफ ले जाया गया। उनके साथ क्या हुआ, यह मुझे नहीं पता।