प्रेसीडेंट प्रणव बोले: दुनिया में कोर्ट की महत्ता मंदिर जैसी है

 

The President, Shri Pranab Mukherjee addressing at the inauguration of the Festival of Energy 'Umang 2015' at Dr. Rajendra Prasad Sarvodaya Vidyalaya, President’s Estate, in New Delhi on December 11, 2015.

इलाहाबाद। प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी ने रविवार को इलाहाबाद में हाईकोर्ट की 150वीं वर्षगांठ के समारोह का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्यपाल राम नाईक, देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर, राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद हाईकोर्ट की तस्वीर वाला डाक टिकट और दस रुपये का सिक्का जारी किया गया।
मुखर्जी ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया में कोर्ट की महत्ता मंदिर के बराबर है। न्याय के इस मंदिर में आने वाले को इंसाफ जरूर मिलता है। लोकतंत्र के तीन मजबूत स्तम्भों में न्यायपालिका का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने हाईकोर्ट की नई विंग शुरू की थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इलाहाबाद ने देश को कई महान विभूतियां दी है। यहां आकर मैं काफी खुशी महसूस कर रहा हूं। इस शहर की महत्ता अपने आप में काफी बड़ी है। इसी शहर ने देश का पहला प्रधानमंत्री दिया। यहां से ही नेहरू परिवार तथा इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत ने देश को प्रगति पर ले जाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का इतिहास गौरवपूर्ण है। न्याय विभाग ने इस हाईकोर्ट को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब हाईकोर्ट से लोगों को न्याय मिल पाता है। उन्होंने कहा कि मैं जजों के रिक्त पदों को भरने का प्रयास करूंगा। जिससे लंबित वादों को निपटाने में मदद मिल सके। राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार इसके लिए सहयोग करेगी। राष्ट्रपति के कहा कि आज के दौर में सभी काम को समय से निपटाने की काफी महत्ता है। हम भी उम्मीद करते है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी कम समय में बाकी पड़े केस को निपटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में देश की लगभग सभी कोर्ट हाई टेक हो चुकी हैं। जहां पर अभी काम बाकी है, वहां पर भी काफी तेजी से काम चल रहा है। देश में अब लोगों को समय से तथा सुलभ न्याय मिलना जरूरी हो गया है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसी भूमिका को बनाया जाए, जिससे सभी को सर्व सुलभ न्याय मिले। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को आगे ले जाने में इलाहाबाद हाईकोर्ट का काफी बड़ा व अहम योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया। अखिलेश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की 150वीं जयंती पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद एक गौरवशाली शहर रहा है। उन्होंने यहां पर कई विधाओं का संगम होता है। इस अवसर पर अखिलेश ने अपनी सरकार के जनता के साथ ही वकीलों के हित में कार्यों का विवरण भी पेश किया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इलाहाबाद शहर को एतिहासिक बताया। उन्होंने कहा आस्था की इस नगरी में कानून का भी मंदिर है। यह मंदिर अपने आप में गौरवान्वित करने वाला है। प्रदेश सरकार देश की विधिक तंत्र को हमेशा मजबूत करने की कोशिश करती रही है और आगे भी करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं को लेकर भी कई घोषणाएं की।
देश के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और इलाहबाद शहर तो क्षेत्र में विशिष्ट है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा इलाहाबाद पर काफी बड़ी जिम्मेदारी है। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि इलाहाबाद देश को कुम्भ के माध्यम से जोड़ता है। इस शहर से बड़ी-बड़ी हस्तियों के नाम जुड़े हैं। इसको एक चुनौती के रूप में लेकर हमको आगे बढ़कर स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि अभी भी दस लाख केस लंबित हैं। हमको इनको कम समय में ही निपटाना होगा। सभी मेहनत से काम करेंगे तो केस निपट जाएंगे। उन्होंने कहा कोर्ट बिना बार के अधूरा है।