अखिलेश कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

cm new

लखनऊ। यूपी के सीएम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
उ0प्र0 राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति अनुमोदित
1 अप्रैल, 2016 से मिलेगी 400 रु0 पेंशन
मंत्रिपरिषद द्वारा ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक नीतिÓ को अनुमोदित कर दिया गया है। इस नीति के तहत राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के हितों की सुरक्षा हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किए जाएंगे। वृद्धाश्रमों की स्थापना की जाएगी। नवीन योजनाओं के मास्टर प्लान में एक ही परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय के निर्माण तथा संचालन हेतु भूमि का आरक्षण, स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा एक ही परिसर में वृद्धाश्रम एवं अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था तथा वृद्धाश्रम व अनाथालय के संचालन हेतु भवन निर्माण कर, प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं को संचालन के लिए उपलब्ध कराएंगे।
ऐसे वृद्धाश्रमों में कम से कम 25 प्रतिशत सीटें बी0पी0एल0 श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों हेतु आरक्षित की जाएगी और इन्हें नि:शुल्क आवासीय सुविधा एवं भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण नियमावली, 2014 के अन्तर्गत स्थापित वृद्धाश्रमों के रख-रखाव एवं संचालन हेतु नियमानुसार चयनित स्वयं सेवी संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा। ऐसे वृद्धाश्रमों में अशक्त एवं असहाय वरिष्ठ नागरिकों को आवासीय एवं भोजन आदि की व्यवस्था नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।
18 मण्डलीय जनपदों के राजकीय चिकित्सालयों
में गुर्दा रोग से पीडि़त रोगियों के इलाज हेतु
हीमो-डायलिसिस की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने व्यापक जनहित में प्रदेश के 18 मण्डलीय जनपदों के राजकीय चिकित्सालयों में गुर्दा रोग से पीडि़त रोगियों के इलाज हेतु हीमो-डायलिसिस की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पी.पी.पी.) के आधार पर चयनित 18 मण्डलीय राजकीय चिकित्सालयों में 180 हीमो-डायलिसिस मशीनें स्थापित कराते हुए यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इस सम्बन्ध में तैयार किए गए आर.एफ.क्यू. सह आर.एफ.पी. में निविदा मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदित कोरिजेण्डम की संस्तुतियों को समाहित करते हुए अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में निजी सेवा प्रदाता के चयन पर अंतिम निर्णय एवं वांछित अन्य कार्रवाई पर अग्रेत्तर निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर अनुमोदित

मंत्रिपरिषद द्वारा कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु राइट्स लि0 द्वारा तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अनुमोदित कर दिया गया है।कानपुर महानगर में मेट्रो रेल परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन हेतु लिए गए निर्णयों के क्रम भारत सरकार की अनुभवी एवं विशेषज्ञ संस्था राईट्स द्वारा डीपीआर तैयार कर उपलब्ध कराया गया है। प्रस्तुत डीपीआर के अनुसार कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में कुल 32 कि0मी0 की लम्बाई में 02 कारीडोर्स प्रस्तावित हैं।
इन दोनों कारीडोर्स में कुल 31 स्टेशन प्रस्तावित हैं। जिनमें 19 एलिवेटेड एवं 12 भूमिगत हैं। अगस्त, 2015 की दरों पर कर एवं प्रभार सहित परियोजना की कुल लागत 13721 करोड़ रुपए अनुमानित है। डी0पी0आर0 में भारत सरकार के परामर्श अथवा अन्य कारणों से भविष्य में किए जाने वाले संशोधनों अथवा परिवर्तनों हेतु डी0पी0आर0 में प्रस्तावित कारीडोर के क्रियान्वयन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत निर्णय लिए जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का फैसला भी लिया गया है।

मोबाइल (ट्रॉली आधारित) सोलर संयंत्र एवं पम्प की योजना को मंजूरी

मंत्रिपरिषद द्वारा मोबाइल (ट्रॉली आधारित) सोलर संयंत्र एवं पम्प की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
योजना के तहत ट्रॉली, 03 हजार वॉट सोलर पैनल, फिक्सर, 03 एच.पी.(ए.सी. मोटर) सरफेस मोनो ब्लॉक पम्प, वी.एफ.डी. कण्ट्रोल बॉक्स, फ्लैक्सी डिलीवरी पाइप (200 मी0) फ्लैक्सी वायर (30 मी0), सक्शन पाइप (30 मी0) आदि किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना के तहत लघु एवं सीमान्त कृषकों को 60 प्रतिशत, लघु-सीमान्त कृषकों के समूह एवं स्वयं सहायता समूह को 50 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों को 35 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार से दिया जाएगा। योजना को पाइलेट आधार पर प्रदेश के जनपदों में सीमित मात्रा में संचालित किया जाएगा। वर्तमान में औसत प्रति जनपद 06 सिस्टम की दर से कुल 450 मोबाइल (ट्रॉली आधारित) सोलर संयंत्र एवं पम्प लगाए जाएंगे। मोबाइल सोलर संयंत्र एवं पम्प सेट की स्थापना से खेतों की सिंचाई के साथ-साथ कृषि सम्बन्धित अन्य कार्य जैसे थ्रेशिंग मशीन, चारा काटने की मशीन चलाने आदि की सुविधाएं कृषक प्राप्त कर सकेंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्प योजना के तहत सम्भावित बचत लगभग 25 करोड़ रुपए से यह योजना संचालित की जाएगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए
आवास (शहरी) मिशन के क्रियान्वयन का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) मिशन के क्रियान्वयन का फैसला लिया है। इस मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्र के सभी पात्र परिवारों/लाभार्थियों को आवास प्रदान किया जाना है। इस मिशन को 4 घटकों में विभाजित किया गया है-ऋण से जुड़ी ब्याज सब्सिडी के माध्यम से कमजोर वर्ग के लिए किफायती आवासों का प्रोत्साहन, भूमि का संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए निजी प्रर्वतकोंं की भागीदारी से स्लम वासियों का स्लम पुनर्वास। सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के साथ भागीदारी में किफायती आवास प्रदान किया जाना तथा लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी प्रदान किया जाना। एक परिवार/लाभार्थी इन 4 घटकों में से केवल 01 घटक का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
योजना के तहत केन्द्रीय सहायता 60 प्रतिशत और अवशेष 40 प्रतिशत राज्य द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी 635 नगर निकायों की सूची भारत सरकार को प्रेषित की गई है। मिशन के दिशा-निर्देशानुसार कार्य योजनाओं और परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। सूडा को राज्य स्तरीय नोडल एजेन्सी नामित करने एवं इसके अधीन राज्य स्तरीय मिशन निदेशालय का गठन और निदेशक सूडा को मिशन निदेशक नामित किए जाने का फैसला भी लिया गया है।

आगरा में ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट स्थित
शिल्पग्राम को ध्वस्तीकरण के उपरान्त नये सिरे से
ताज ओरिएन्टेशन सेन्टर, शिल्पग्राम के निर्माण का फैसला
मंत्रिपरिषद ने आगरा में ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट स्थित शिल्पग्राम को ध्वस्तीकरण के उपरान्त नये सिरे से ताज ओरिएन्टेशन सेन्टर, शिल्पग्राम के निर्माण का निर्णय लिया है।
इस परियोजना के लिए पूर्व में व्यय वित्त समिति द्वारा 22647.98 लाख रुपए की लागत अनुमोदित करते हुए कार्यदायी संस्था को डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। दिनांक 2 जुलाई, 2015 को व्यय वित्त समिति में अपेक्षानुसार कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम द्वारा 29928.29 लाख रुपए का डीपीआर प्रस्तुत किया गया।
इस डीपीआर के परीक्षण के उपरान्त व्यय वित्त समिति द्वारा परियोजना की लागत 23185.26 लाख रुपए अनुमोदित करते हुए परियोजना के विशिष्टियों हेतु प्रस्तावित प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है।
व्यय वित्त समिति द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार वर्णित कार्य मदों मदों-म्यूजियम एक्सपीरियन्स/आर्टिफैक्ट एवं आर्ट इंसटालेशन, ऑडियो गाइड सिस्टम, इन्ट्रेक्टिव इंसटालेशन, कियोस्ट, वैरियस आर्टिस्ट इमेज एवं कायनेटिक स्कल्पचर, पी0ए0 सिस्टम, सी0सी0टी0वी0, ए0वी0 सिस्टम, पार्किंग मैनेजमेन्ट सिस्टम इत्यादि की आवश्यकता एवं औचित्य का परीक्षण प्रमुख सचिव पर्यटन/सचिव पर्यटन विभाग की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। समिति में इन कार्यमदों से सम्बन्धित विभाग यथा संस्कृति एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा नामित सदस्य होंगे।
यह समिति कार्यमदों की आवश्यकता व औचित्य एवं लागत का परीक्षण कर स्वयं संतुष्ट हो लेगी, जिसमें द्वारा इन कार्यमदों हेतु प्रस्ताव लागत जो उक्त कार्यमद हेतु प्रायोजना में प्रस्तावित लागत से अधिक न होगी, की सीमा तक प्रायोजना की लागत संशोधित समझी जाएगी। परियोजना में कतिपय विशिष्टियां भी शामिल हैं जो लोक निर्माण विभाग की निर्धारित विशिष्टियों से उच्च हैं के प्रयोग पर निर्माण कार्य कराए जाने एवं व्यय वित्त समिति की संस्तुतियों को अनुमोदित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि आगरा में ताजमहल पूर्वी गेट के निकट स्थित शिल्पग्राम को ध्वस्तीकरण के उपरान्त नये सिरे से ताज ओरिएंटेशन सेन्टर, शिल्पग्राम के निर्माण के सम्बन्ध 04 अगस्त, 2015 को परियोजना के निर्माण हेतु बजट व्यवस्था राज्य सरकार के अवस्थापना निधि से किए जाने, ताज ओरिएन्टेशन सेन्टर शिल्पग्राम परियोजना के क्रियान्वयन हेतु शिल्पग्राम परिसर में पूर्व निर्मित भवनों/स्ट्रक्चर्स को आवश्यकतानुसार/नियमानुसार हटाया जाना/डिस्मेन्टिल किए जाने, परियोजना के तहत निर्माण कार्य में कतिपय विशिष्टियों का भी प्राविधान किया गया है।
इन विशिष्टियों में कारपेट, फ्लोरिंग, ससपेन्डेड स्पाइडर ग्लेजिंग सिस्टम, फेब्रिक वाल, पेनलिंग, मार्बल स्टोन जाली, वुडेन सिलींग, रेड सैण्ड स्टोन, फ्लोरिंग आदि जो की लोक निर्माण विभाग की निर्धारित विशिष्टियों से उच्च है के अनुसार कार्य कराए जाने एवं परियोजना के अनुश्रवण हेतु स्टेट लेवल एवं फील्ड लेवल कमेटी का गठन किए जाने का भी अनुमोदन प्राप्त किया गया था।

चक गंजरिया, लखनऊ में उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान
की स्थापना हेतु प्रस्तावित स्थल पर पशुपालन विभाग के
पूर्व से निर्मित भवनों के ध्वस्तीकरण का निर्णय
चक गंजरिया, लखनऊ में उच्च स्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना हेतु मंत्रिपरिषद ने प्रस्तावित स्थल पर पशुपालन विभाग के पूर्व से निर्मित भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
प्रस्तावित कैंसर संस्थान के निर्माण हेतु चक गंजरिया परिक्षेत्र में पशुपालन विभाग की भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को नियमानुसार कब्जा प्राप्त हो गया है। उच्च स्तरीय निर्णय के अनुसार चक गंजरिया फार्म की भूमि जिन विभागों को स्थानान्तरित की गई है, उन विभागों द्वारा ही उस भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों की आवश्यकतानुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
इस ध्वस्तीकरण के पश्चात कैंसर संस्थान के निर्माण तेजी आएगी और कैंसर से ग्रसित रोगियों को उपचार की सुविधा सुलभ हो पाएगी। उल्लेखनीय है कि उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना हेतु प्रस्तावित भूमि पर पशुपालन विभाग के 65 वर्ष पुराने भवन है और वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं।
गौरतलब है कि कैंसर के गम्भीर रोग से पीडि़त रोगियों को समुचित उपचार सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से चक गंजरिया में एक उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना सिग्नेचर बिल्डिंग के रूप में कराए जाने का निर्णय पूर्व में लिया जा चुका है। इस संस्थान की स्थापना हेतु उ0प्र0 राजकीय निर्माण लि0 को कार्यदायी संस्था तथा मै0 आरकाम को वास्तुविद नियुक्त किया गया है।
संस्थान के निर्माण हेतु दिनांक 26 फरवरी, 2015 के शासनादेश द्वारा 854.5145 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृत प्रदान की गयी है। अब तक 273.1055 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त भी की जा चुकी है।

पंचायती राज इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग के सुचारु संचालन के लिए मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन, आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन, प्रबन्ध तंत्र तथा कार्यकारिणी समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने राज्य स्तरीय पंचायत भवन एवं प्रशिक्षण केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ (लोहिया भवन) स्थित पंचायती राज इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग (प्रिट) के सुचारु संचालन के लिए मेमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन, आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन, प्रबन्ध तंत्र तथा कार्यकारिणी समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी कर दी है। यह प्रशिक्षण संस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में संचालित किया जाएगा। प्रशिक्षण संस्था के अध्यक्ष प्रमुख सचिव/सचिव पंचायती राज विभाग होंगे। प्रबन्ध तंत्र में अध्यक्ष के अतिरिक्त 18 अन्य सदस्य होंगे। प्रबन्ध तंत्र संस्थान की साधारण सभा के रूप में काम करेगा। संस्थान के सम्बन्ध में नीति विषयक निर्णय प्रबन्ध तंत्र द्वारा लिए जाएंगे।
संस्थान की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष प्रमुख सचिव/सचिव पंचायती राज विभाग होंगे। समिति में अध्यक्ष के अतिरिक्त 11 अन्य सदस्य होंगे। समिति की बैठक वर्ष में दो बार प्रत्येक 06 माह में एक बार होगी। संस्थान के संचालन के सम्बन्ध में सामान्य निर्णय कार्यकारिणी समिति द्वारा लिए जाएंगे।
उ0प्र0 मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के तहत
बिल्डर्स के लिए समाधान योजना लागू किए जाने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की धारा 6 के तहत बिल्डर्स के लिए कर निर्धारण वर्ष 2012-13 एवं आगे के सभी वर्षों के लिए कतिपय शर्तों के साथ समाधान योजना लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

मुरादाबाद, फैजाबाद तथा मेरठ की हवाई पट्टियों को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित करने हेतु निष्पादित एम0ओ0यू0 को निरस्त करने तथा हवाई पट्टियों का स्वामित्व वापस प्राप्त करने की कार्यवाही के लिए
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नोटिस देने का निर्णय
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश के मध्य जनपद मुरादाबाद, फैजाबाद तथा मेरठ स्थित राज्य सरकार की हवाई पट्टियों, इनकी परिसम्पत्तियों के यथास्थिति में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित करने एवं इनके विकास/निर्माण हेतु आवश्यक अतिरिक्त भूमि क्रय करके नि:शुल्क रूप में प्राधिकरण को हस्तांतरित करने हेतु निष्पादित ‘मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंगÓ (एम0ओ0यू0) को निरस्त करने तथा राज्य सरकार द्वारा प्राधिकरण से इन हवाई पट्टियों का स्वामित्व पुन: वापस प्राप्त करने की कार्यवाही के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नोटिस दिए जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है। साथ ही, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से नोटिस का उत्तर प्राप्त होने पर प्रकरण पर यथावश्यक निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने का भी फैसला लिया गया है।

समेकित बाल संरक्षण योजना (आई0सी0पी0एस0)
में भारत सरकार द्वारा फण्डिंग पैटर्न में संशोधन

मंत्रिपरिषद ने किशोर न्याय अधिनियम, 2000 यथा संशोधित 2006 तथा आदर्श नियमावली, 2007 के प्राविधानों के क्रियान्वयन में संचालित समेकित बाल संरक्षण योजना (आई0सी0पी0एस0) में भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में फण्डिंग पैटर्न में किए गए संशोधन के अनुरूप कार्यवाही करने का फैसला लिया है। इसके तहत किशोर न्याय बोर्ड तथा बाल कल्याण समितियों में केन्द्रांश व राज्यांश पूर्व की भांति क्रमश: 35 प्रतिशत एवं 65 प्रतिशत रखा गया है। अन्य अभिकरणों के लिए पूर्व के अनुपात 75:25 को संशोधित कर 60:40 तथा स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी वाले कार्यों हेतु 90 प्रतिशत केन्द्रांश की व्यवस्था के स्थान पर 60:30:10 की व्यवस्था की गई है, जिसमें केन्द्रांश 60, राज्यांश 30 व स्वैच्छिक संगठन की भागीदारी 10 प्रतिशत की है।
भारत सरकार द्वारा फण्डिंग पैटर्न में परिवर्तन किए जाने के कारण राज्य सरकार पर 59.33 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय भार आएगा।

भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के अंतर्गत संशोधित पैटर्न के उपरान्त ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में राज्यांश के रूप में राज्य सरकार पर पडऩे वाले अतिरिक्त व्यय भार 12 अरब 63 करोड़ रु0 का अनुमोदन
भारत सरकार द्वारा केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के अंतर्गत संशोधित पैटर्न के उपरान्त ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में राज्यांश के रूप में राज्य सरकार पर पडऩे वाले अतिरिक्त व्यय भार 12 अरब 63 करोड़ 4 हजार को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है।
परिवर्तित फण्डिंग पैटर्न के अनुसार प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना-1 का पूर्व निर्धारित फण्डिंग पैटर्न केन्द्रांश:राज्यांश 100:00 के स्थान पर 60:40 प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना-2 75:25 के स्थान पर 60:40 इन्दिरा आवास योजना 75:25 के स्थान पर 60:40, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 75:25 के स्थान पर 60:40, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डी0आर0डी0ए0) 75:25 के स्थान पर 60:40 तथा बायोगैस 100:00 के स्थान पर 50:50 भारत सरकार द्वारा तय किया गया है।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉपÓ-माइक्रो इरिगेशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के आय व्ययक में व्यवस्थित धनराशि को भारत सरकार द्वारा निर्धारित संशोधित फण्डिंग पैटर्न के अनुसार किए जाने का फैसला

मंत्रिपरिषद ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉपÓ-माइक्रो इरिगेशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के आय व्ययक में व्यवस्थित धनराशि को भारत सरकार द्वारा निर्धारित संशोधित फण्डिंग पैटर्न के अनुसार केन्द्रांश 60 प्रतिशत एवं राजस्व 40 प्रतिशत के रूप में व्यय किए जाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉपÓ-माइक्रो इरिगेशन योजना में पूर्व में स्वीकृत व्यवस्था के अनुसार लघु सीमान्त कृषकों को 40 प्रतिशत एवं सामान्य कृषकों को 35 प्रतिशत राज्यांश अनुदान की सीमा यथावत लागू रखी जाएगी। इसके अतिरिक्त इन योजनाओं की कार्य योजनाओं में दी गई पात्रता के अनुसार लाभार्थी कृषकों को अनुदान धनराशि दी जाएगी। डी0बी0टी0 प्रक्रिया के तहत अनुदान भुगतान की प्रक्रिया का निर्धारण भी कर लिया गया है।

प्रदेश की पी0पी0पी0 परियोजनाओं के सम्बन्ध में जारी मार्गदर्शी/दिशा-निर्देशों के संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की पी0पी0पी0 परियोजनाओं के सम्बन्ध में जारी मार्गदर्शी/दिशा-निर्देशों के संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में परामर्शदाता का चयन ‘मैनुअल ऑफ पॉलिसीज तथा प्रोसीजर ऑफ इम्प्लाइमेन्ट ऑफ कंसल्टेन्टÓ पर आधारित है। परामर्शदाता के चयन हेतु मार्गदर्शी सिद्धान्तों की प्रयोज्यता 05 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की गई है।
भारत सरकार द्वारा पी0पी0पी0 परियोजनाओं हेतु फाइनन्शिल कंसल्टेन्ट/ट्रांसैक्शन एडवाइजर के चयन हेतु की गयी व्यवस्थाओं को प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में सम्मिलित किया गया है। विकासकर्ता के चयन प्रक्रिया में जारी होने वाले विभिन्न अभिलेखों जैसे आर0एफ0क्यू0/आर0एफ0पी0 /डी0सी0ए0 की व्यापकता के दृष्टिगत एक पृथक अध्याय में विस्तृत व्यवस्था दी गई है।
विकासकर्ता के चयन प्रक्रिया में एकरूपता लाने के उद्देश्य से प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में भारत सरकार द्वारा मॉडल टेन्डर डाक्यूमेन्ट्स यथा सम्भव अंगीकृत किए जाने की व्यवस्था की गई है। यदि परियोजना हेतु लक्षित रेट ऑफ रिटर्न में 20 प्रतिशत से अधिक एक्चुअल रेट ऑफ रिटर्न प्राप्त होता है तो विकासकर्ता के साथ सम्पादित कन्सेशन अनुबन्ध के प्रीक्लोजर की व्यवस्था प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में की गई है।
प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों से सी0वी0सी0 द्वारा जारी निर्देशों को यथा सम्भव अनुसरण किए जाने का प्राविधान किया गया हैं। 50 करोड़ रुपए तक की लागत वाली परियोजनाओं हेतु चयनित विकासकर्ता के अनुमोदन हेतु सक्षम स्तर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिव समिति द्वारा किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा कन्सेशन हेतु विकसित नवीन पद्वति यथा ‘हाईब्रिड एन्युटीमॉडलÓ को प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में सम्मिलित किया गया है। विकासकर्ता के चयन को गति प्रदान करने के उद्देश्य से ‘सिंगल स्टेज-टू एनवेलपसिस्टमÓ की व्यवस्था प्रस्तावित मार्गदर्शी सिद्धान्तों में की गई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के बहुुमुखी विकास को तीव्र गति प्रदान करने की दृष्टि से पी0पी0पी0 क्षेत्र में आयी तेजी तथा वैविध्य एवं नये-नये विषयों पर परियोजनाएं प्रस्तावित करने के परिणाम स्वरूप वर्तमान समय में उसमें उचित व परिस्थितिजन्य संशोधन एवं सम्यक् विकेन्द्रीकरण तथा सरलीकरण किया जाना परियोजनाओं के सुचारू एवं तीव्र क्रियान्वयन हेतु आवश्यक हो गया है।
प्रस्तावित संशोधित मार्गदर्शी सिद्धान्त ‘गाइडलाइन्स फॉर सेलेक्शन ऑफ कंसल्टेन्ट्स एण्ड डेवलपर्स फॅार पी0पी0पी0 प्रोजेक्ट्स इन उत्तर प्रदेश-2016Ó के नाम से प्रख्यापित किए जाएंगे। प्रस्तावित संशोधित मार्गदर्शी सिद्धान्त के ड्राफ्ट की संरचना तीन भागों में की गई है, जो इस प्रकार है:- 1-डेवलपमेन्ट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स थ्रू पीपीपी इन उत्तर प्रदेश, 2-पॉलिसी फ्रेमवर्क फॉर सेलेक्शन ऑफ कंसल्टेन्ट्स फॉर डेवपलमेन्ट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स थ्रू पीपीपी इन उत्तर प्रदेश, 3-पॉलिसी फ्रेमवर्क फॉर सेलेक्शन ऑफ डेवलपर फॉर डेवपलमेन्ट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स थ्रू पी0पी0पी0 इन उत्तर प्रदेश।

शीरे से अल्कोहल का उत्पादन करने वाली आसवनियों को गैर शीरा पदार्थ से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन तथा गैर शीरा पदार्थ से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन के लिए नई आसवनी स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी

प्रदेश में शीरे से अल्कोहल (औद्योगिक अल्कोहल एवं पेय मदिरा) का उत्पादन करने वाली आसवनियों को गैर शीरा (अनाज/आलू/चुकन्दर/स्वीट सोरगम/सोरगम स्टेम आदि अन्य रॉ-मटीरियल) पदार्थ/रॉ-मटीरियल से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन तथा गैर शीरा पदार्थ से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन के लिए नई आसवनी स्थापना की अनुमति प्रदान करने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा शर्तों के साथ मंजूरी प्रदान की गई है।
इसके तहत शीरे से अल्कोहल का उत्पादन करने वाली इकाइयों को गैर शीरा पदार्थ से अल्कोहल का उत्पादन प्रतिबन्धित करने वाले शासनादेश दिनांक 28 जून, 2006 को निरस्त करने तथा शीरे से औद्योगिक एवं पेय मदिरा हेतु अल्कोहल का उत्पादन करने वाली आसवनियों को गैर शीरा पदार्थ/रॉ-मटीरियल से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन की अनुमति उसी अधिष्ठाापित क्षमता में अथवा सक्षम स्तर के निर्णयोपरान्त अधिष्ठापित क्षमता में वृद्धि कर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
शीरे से केवल औद्योगिक अल्कोहल का उत्पादन करने वाली आसवनियों को गैर शीरा पदार्थ/रॉ मटीरियल से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन की अनुमति उसी अधिष्ठाापित क्षमता में अथवा सक्षम स्तर के निर्णयोपरान्त अधिष्ठापित क्षमता में वृद्धि प्रदान करने तथा राज्य में गैर शीरा पदार्थ/रॉ मटीरियल से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन हेतु नयी आसवनी स्थापना की अनुमति प्रदान करने का फैसला भी लिया गया है।
इसके साथ ही गैर शीरा पदार्थ/रॉ मटीरियल से केवल पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन की अनुमति दी गई है। इन पदार्थों से औद्योगिक अल्कोहल का उत्पादन अनुमन्य नहीं है। पेय मदिरा हेतु अल्कोहल के उत्पादन में यथासम्भव ऐसे गैर शीरा पदार्थों विशेषकर अनाज का उपयोग किया जाएगा, जो निम्न श्रेणी का हो और मानव उपयोग के लिए उपयुक्त न हो।
गैर शीरा पदार्थ से पेय मदिरा हेतु अल्कोहल उत्पादन की अनुमति देने हेतु पूर्व स्थापित आसवनी की अधिष्ठाापित क्षमता में परिवर्तन तथा नयी स्थापित होने वाली आसवनी की अधिष्ठाापित क्षमता निर्णय हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनायी गयी समिति में खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग, कृषि विभाग एवं खाद्य तथा रसद विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव को सदस्य बनाये जाने का निर्णय भी लिया गया है। इस समिति द्वारा इकाई की आवश्यकतानुसार इसकी अधिष्ठापित क्षमता के निर्धारण, गैर शीरा पदार्थ की उपलब्धता, निर्धारित अनुज्ञापन प्रक्रिया आदि अन्य समस्त आवश्यक बिन्दुओं पर विचार करके संस्तुति उपलब्ध करायी जाएगी, जिस पर विभागीय मंत्री द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।