बुंदेलखंड त्रासदी: सरकार और किसान मिलकर खोदेंगे तालाब

kisan sookhaमहोबा। किसानों संग मिलकर सरकार बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित सातों जिलों में दो हजार तालाब बनाएगी, जो आने वाले दिनों में बुंदेलखंड को सूखे के अभिशाप से छुटकारा दिलाने में मील का पत्थर साबित होंगे। खेत किसान के होंगे तो आधी लागत सरकार भी देगी। प्रति तालाब अनुमानित खर्च करीब एक करोड़ पांच हजार है। किसान चाहें तो मशीन से तालाब की खोदाई न कराकर खुद अपने ट्रैक्टर से खोदाई कर सकते हैं। इससे खोदाई की लागत भी सरकार वाले 50 फीसद खर्च से उनको मिलेगी। इतना ही नहीं, अगर मानसून धोखा दे गया तो लघु ङ्क्षसचाई विभाग द्वारा तालाबों में बोङ्क्षरग की जाएगी। इसका खर्च सरकार के 50 फीसद से दिया जाएगा। तालाबों की गुणवत्ता का ख्याल रखते हुए खोदाई के दौरान निकलने वाली मिट्टी से ही इनकी मेड़ तैयार की जाएगी, जिस पर बहुवर्षीय घास लगाई जाएगी। इनमें नैपियर घास, लैमन ग्रास और सीओ-4 घास होंगी। ताकि तालाब के आसपास का वातावरण हरियाली भरा हो और मेड़ को मजबूती भी मिल सके। इन तालाबों का किसान ङ्क्षसचाई को पानी लेने के साथ पशुपालन और मछली पालन में भी उपयोग कर सकेंगे।
इसकी शुरुआत के लिए बुंदेलखंड के आयुक्त को कृषि निदेशक मुकेश श्रीवास्तव ने पत्र जारी करते हुए बजट भी जारी कर दिया है। 19 अप्रैल को इस योजना का शुभारंभ सभी जिलों में होगा और आयुक्त एल. वेंक्टेश्वर लू हमीरपुर जिले में उद्घाटन करेंगे। सरकार ने इन हरे-भरे विदेशी घास वाले तालाबों को विकसित करने के लिए 22 करोड़ 60 लाख जारी किए हैं। करीब दो माह में लक्ष्य पूरा कर लिया जाना है। तालाब कहां और किन किसानों के साथ मिलकर बनाए जाएंगे, इसका फैसला जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। उप निदेशक अर्थ एवं संख्या एसएन त्रिपाठी ने बताया कि तालाबों पर तेजी से काम चल रहा है।