केन्द्र ने लौटाया बिल: केजरीवाल का पारा चढ़ा

arvind-kejriwal2नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए 14 बिलों को वापस लौटा दिया है। इनमें दिल्ली सरकार का लोकपाल बिल भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि जरुरी प्रक्रिया का पालन कीजिए और सभी बिलों को विधानसभा से पारित करवाकर दोबारा भेजिए। बिल वापस भेजने के पीछे तर्क दिया गया है कि दिल्ली सरकार ने इन बिलों को भेजने के लिए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने ये कहकर केंद्र सरकार पर निशान साधा है कि अगर प्रक्रिया सही नहीं थी तो ये बिल उसी समय वापस भेजे जाने चाहिए थे, आखिर केंद्र सरकार इन्हें पिछले एक साल से अपने पास क्यों लटकाए रही।
इन 14 में से जो 9 अहम बिल एलजी, केंद्र, राष्ट्रपति के पास लंबित थे वो इस प्रकार हैं।
1. प्राइवेट स्कूल फीस और दाखिले में पारदर्शिता से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर 2015 से लंबित2. नो डिटेंशन पॉलिसी – यानी 1-8 क्लास में फेल ना करने की नीति खत्म करने से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर से लंबित3. सिटिजन चार्टर – नागरिकों का समय पर काम ना करने वाले अधिकारियों से सख्ती से जुड़ा बिल – 17 दिसंबर से लंबित4. न्यूनतम मजदूरी बिल – उल्लंघन करने पर सख्ती से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर से लंबित5. वर्किंग जर्नलिस्ट बिल – मजीठिया आयोग की सिफारिशें लागू करने से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर से लंबित6. नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट को यूनिवर्सिटी में बदलने से जुड़ा बिल जिससे 4000 की बजाय 10,000 छात्र इंजीनियरिंग एक साथ कर सकेंगे – 3 जुलाई 2015 से लंबित7. विधायकों की वेतन बढ़ोतरी से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर से लंबित8. जनलोकपाल बिल – 17 दिसंबर से लंबित9. क्रिमिनल प्रोसीजर कोड संशोधन – मजिस्ट्रियल जांच का बढ़ाने से जुड़ा बिल – 16 दिसंबर से लंबित।16 महीने में दिल्ली की केजरीवाल सरकार का एक भी बिल पास नहीं हुआ यानी इस सरकार ने असल में कोई कानून जो बनाया वो बना ही नहीं।
केजरीवाल का पलटवारकेजरीवाल सरकार के इन बिलों आपत्ति जताते हुए कहा कि गृह मंत्रालय ने कहा कि बिना एलजी और गृह मंत्रालय की राय के बगैर इस बिल को पास करना नामुमकिन है। इसके साथ मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार को प्रक्रिया का पालन करने की सलाह दी।
केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए एक बार फिर केंद्र सरकार तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बेवजह टांग अड़ा ही है।क्योंकि प्रक्रिया के तहत के सभी बिल गृह मंत्रालय को भेजा गया है। केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी खुद काम नहीं कर रहे हैं और दूसरों को भी नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र दिल्ली सरकार का हेडमास्टर है?