मुख्य सचिव का निर्देश: अधिकारी बदलें अपनी कार्यशैली

cs deepakलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने वरिष्ठ अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि अधिक बैठकें करने वाली अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर विभागीय कार्यों का निस्तारण प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें तथा अधिक से अधिक डिलीवरी आम नागरिकों को दें। उन्होनें कहा कि वरिष्ठ अधिकारी बैठकें लेने की कार्य शैली बदलें, प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कर फैसलें लेने की कार्य शैली लायें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर अधिकतम तीन दिन से अधिक पत्रावली रुकने पर सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दण्डित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सक्षम होने पर भी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक रूप से पत्रावलियां वित्त एवं कार्मिक तथा उच्च अधिकारियों को भेजी जाती है। यह स्थिति ठीक नहीं है। अधिकारियों को निर्णय लेने हेतु निस्तारण प्राथमिकता से सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि कोई भी प्रकरण समय से निस्तारित न होने पर विलम्ब होने के कारणों की जांच कराकर हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को आम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर जन समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से सुनिश्चित कराना होगा।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज अपने कार्यालय कक्ष में प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर एवं सचिव वित्त श्री मुकेश मित्तल से वार्ता के दौरान प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को दिये। उन्होंने कहा कि शासकीय धन का सही समय पर पारदर्शिता के साथ उपयोग सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय संसाधनों की कोई कमी न होने पाये। उन्होंने कहा कि वित्तीय संसाधन बढ़ाने हेतु प्रमुख सचिव वित्त अपने स्तर से सम्बन्धित प्रमुख सचिवों की बैठक कर आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि शासकीय चिकित्सालयों में प्रदेश सरकार की योजनाओं के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को मुफ्त इलाज एवं नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने की सुविधा प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जाये।
श्री सिंघल ने प्रमुख सचिव वित्त को यह भी निर्देश दिये कि वरिष्ठ अधिकारियों की एक ब्रेन स्ट्रीमिंग टीम गठित की जाये, जो प्रदेश के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रह रहे प्रवासी लोगों का सहयोग लेकर प्रदेश के सामाजिक सेक्टर के विकास में उनकी भागीदारी और अधिक सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि विभागीय वरिष्ठ अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर पत्रावलियां अनावश्यक रूप से लम्बित न कर निस्तारण कराने का प्रयास करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यदि बैठकें आयोजित करना अतिआवश्यक हो तो निर्णय लेने के बिन्दु स्पष्ट रूप से अंकित कर बैठक की तिथि आयोजित करायी जाये।