हार्दिक बोले: तरीका बदलेगा तेवर नहीं

hardik-patel-सूरत। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के समन्वयक हार्दिक पटेल ने लाजपोर जेल से रिहा होने के बाद कहा कि जब तक समाज को हक नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन का तरीका जरूर बदलेगा, लेकिन तेवर यही रहेंगे। सुबह ग्यारह बजे जेल से बाहर निकलने के बाद हार्दिक ने आगे की रणनीति और आंदोलन को लेकर मीडिया से बात की। सबसे पहले उसने न्यायतंत्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विलंब से ही सही, लेकिन न्याय जरूर मिलता है। हम सत्यमेव जयते पर विश्वास रखते हैं और आखिर तक रखेंगे। यह मेरे अकेले का आंदोलन नहीं है, समाज का आंदोलन है। जेल से बाहर निकलने पर अगर मैं कल से यह आंदोलन बंद कर दूं तो मेरे जैसा मूर्ख कोई नहीं होगा।
पीएम मोदी पर भी साधा निशानाहार्दिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि न मुझे हाइट चाहिए, न मुझे बॉडी चाहिए और न ही मुझे 56 इंच का सीना चाहिए, मुझे तो सिर्फ समाज के लिए हक चाहिए। आंदोलन का तरीका बदलने को लेकर उसने कहा कि हम दोबारा आंदोलन को लेकर रणनीति बनाएंगे और तरीके में बदलाव लाएंगे, लेकिन तेवर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। समाज के हित में आंदोलन का परिणाम आए, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए सरकार के साथ बैठ कर बातचीत करनी पड़े तो वह भी करेंगे। सरकार से अधिकार के लिए विनती करेंगे, प्यार से हक मांगेंगे और प्यार से नहीं मिला तो उग्र आंदोलन भी करेंगे। उसने कहा कि आंदोलन से देश का पाटीदार समाज संगठित हुआ है। आंदोलन से जो मिला और जो कुछ गंवाया, उसका अध्ययन करेंगे और आगे बढ़ेंगे।
संविधान के तहत आरक्षण चाहिएजेल से मुक्ति और रोड शो खत्म होने के बाद हार्दिक पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि ईबीसी का लॉलीपोप देकर सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है। संविधान में ईबीसी आरक्षण जैसा कोई प्रावधान नहीं है। पाटीदार समाज को संविधान के तहत आरक्षण चाहिए। उसने कहा कि उसके खिलाफ राजद्रोह की धारा क्यों लगाई गई, यह उसे पता नहीं है। समाज के लिए अधिकार की मांग करना क्या राजद्रोह होता है? उसने कहा कि पाटीदार समाज अपने अधिकारों के लिए लड़ता रहेगा और 2017 में पाटीदार समाज की ताकत का पता चलेगा। उसने आंदोलन के दौरान हुई भूलों को सुधारने की बात भी कही।
जेल में लिखीं तीन पुस्तकेंहार्दिक पटेल ने कहा कि नौ महीने के कारावास के दौरान उसे बहुत कुछ सीखने को मिला। वह मानसिक रूप से मजबूत हुआ है। उसने देश के महान क्रांतिकारियों की पुस्तकें और जीवनी पढ़ीं तथा खुद भी तीन पुस्तकें लिखीं। एक पुस्तक सामाजिक परिवर्तन और दूसरी जेल यात्रा पर लिखी है। तीसरी पुस्तक के बारे में उसने वक्त आने पर खुलासा करने की बात कही।
हार्दिक उदयपुर में काटेंगे वनवासपाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल जेल से छूटने के बाद छह महीने का वनवास पड़ोसी प्रदेश राजस्थान में काटेंगे। वे वहां राजस्थान पटेल डांंगी समाज के अध्यक्ष और मावली के पूर्व विधायक पुष्करलाल डांंगी के मकान पर ठहरेंगे।
हार्दिक के वकील दिलीप पटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हार्दिक के परिजनों की ओर से उदयपुर में एयरपोर्ट रोड पर माउंट ब्यू स्कूल के पास श्रीनाथनगर के समीप धाउजी की बाड़ी में तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर को किराए पर लिया गया है। परिजनों ने किराए पर लिया है। नके आने से पहले यहां तैयारियां जोरों से की जा रही है। उनसे मिलने आने वालों के लिए ड्रॉइंग रूम के अलावा डाइनिंग और बेडरूम को अन्तिम रूप दिया जा रहा है।
वकील ने बताया कि जमानत की शर्त के मुताबिक नया पता पता निचली अदालत में देने को कहा गया था। जिसके तहत अहमदाबाद और सूरत शहर सत्र न्यायालय में इसी पते को दिया गया है। गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से राजद्रोह और महेसाणा विसनगर दंगा मामले में दी गई जमानत के दौरान हार्दिक को छह महीने गुजरात बाहर रहने की शर्त रखी गई है।
सूत्रों का कहना है कि हार्दिक पटेल उदयपुर में रहकर राजस्थान में भी पटेल आंदोलन को नया रूप दे सकते हंै। हार्दिक इस दौरान अन्य राज्यों में भी अपने आन्देालन को तेज करेंगे, वहीं गुजरात में आन्दोलन की रूपरेखा उदयपुर से तय करेंगे। डांगी के पुत्र सुरेश डांगी ने बताया कि हार्दिक के आगमन की सूचना से उदयपुर के पटेल समाज में खासा उत्साह है।