नई दिल्ली (आरएनएस)। 7.5 करोड़ रुपये के चार चेक बाउंस होने के मामले में निचली अदालत द्वारा जारी पेशी समन के खिलाफ उद्योगपति विजय माल्या ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत के समक्ष दलील दी गई कि किंगफिशर एयरलाइंस के रोजमर्रा के कामों से माल्या का कोई लेना-देना नहीं था। उनका काम केवल एयरलाइंस की नीतियां निर्धारित करना था। ऐसे में उक्त चेक बाउंस होने पर सीधा उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। माल्या की तरफ से पेश हुए वकील रमेश गुप्ता ने न्यायमूर्ति पीएस तेजी की पीठ के समक्ष कहा कि डायल को यह अच्छी तरह से पता है कि माल्या की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। लिहाजा, ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए समन को रद किया जाना चाहिए। पेश मामले में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) का कामकाज संभालने वाली कंपनी डायल की शिकायत पर निचली अदालत ने विजय माल्या के खिलाफ पेशी समन जारी किया था। 7.5 करोड़ के चार चेक बाउंस होने पर जून 2012 में डायल ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष एनआइ एक्ट के तहत चार मुकदमे किए थे। किंगफिशर एयरलाइंस ने आइजीआइ एयरपोर्ट का उपयोग करने के एवज में राशि का भुगतान करते हुए डायल को चारों चेक दिए थे।