जीएसटी पर मोदी ने मांगा सबका साथ

modi pmनई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें केन्द्र सरकार ने जीएसटी समेत सभी विधेयकों को पारित कराने के लिए कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को साधने की कोशिश की। कांग्रेस ने साफ संकेत दिए हैं कि वह केन्द्र सरकार को अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा के मसले पर घेरने से नहीं चूकेगी। कांग्रेस और वामदलों के तेवरों से मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी बिल को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए सभी दलों से राजनीति से ऊपर उठकर साथ देने की अपील की। बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस संसद में सरकार को जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा के मसले पर घेरने का प्रयास करेगी। जम्मू कश्मीर की स्थिति बेहदर गंभीर है। इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को जवाब देना चाहिए। देश हित में कांग्रेस किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी। कांग्रेस ने बैठक में केन्द्र राज्य संबंध,महंगाई और कश्मीर के मसले पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
आजाद ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अरुणाचल और उत्तराखण्ड में जिस तरह से सरकारों को गिराने की कोशिश की,उस स्थिति में कैसे राज्य और केन्द्र के संबंध सही रह सकते हैं। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा,जहां तक जीएसटी की बात है तो यह कांग्रेस और भाजपा के बीच द्विपक्षीय मुद्दा नहीं है। हम सरकार से बीते दो सालों से कह रहे हैं कि जीएसटी के मसले पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मानसून सत्र में बिल पारित होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि देश के ज्यादातर राज्य जीएसटी बिल के पक्ष में है। किसी भी राजनीतिक दल ने इसके खिलाफ खुले तौर पर स्टैंड नहीं लिया है। जीएसटी बिल को बहुमत की बजाय सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए। यह विधेयक देश के हिते में है। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बैठक बहुत फलदायी रही। सभी दलों ने संसद में सहयोग का आश्वासन दिया है।