मेट्रो मैन श्रीधरन ने देखा लखनऊ मेट्रो का हाल

Lucknow_metroलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में लखनऊ जनपद सहित अन्य जनपदों-कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा में आम नागरिकों की यातायात सुविधा हेतु मेट्रो के संचालन हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता पर सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कानपुर एवं वाराणसी में मेट्रो के संचालन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार को प्रेषित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी0पी0आर0) को यथाशीघ्र स्वीकृत कराने हेतु निरन्तर अनुरोध करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मांगी गयी वांछित सूचना भी तत्काल भेज दी जाये। उन्होंने कहा कि 01 अगस्त को भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गयी डी0पी0आर0 को स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया जायेगा।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में एल0एम0आर0सी0 के प्रधान सलाहकार मेट्रो डॉ0 ई0 श्रीधरन से भेंट कर रहे थे। उन्होंने प्रबंध निदेशक मेट्रो श्री कुमार केशव को कानपुर सहित वाराणसी में भी मेट्रो कार्य का शुभारम्भ यथाशीघ्र कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने मेरठ एवं आगरा की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का परीक्षण कराकर सक्षम स्तर से अनुमोदनोपरान्त भारत सरकार की स्वीकृति हेतु भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि मेरठ मेट्रो डी0पी0आर0 में 35 किलोमीटर की कुल लम्बाई में 02 खण्डों की परिकल्पना की गयी है। प्रथम खण्ड में 20 किलोमीटर लम्बाई में 12.8 किलोमीटर परतापुर मोदीपुरम का एलीवेटेड स्ट्रेच एवं 7.2 कि0मी0 भूमिगत भाग के रूप में होगा। दूसरा खण्ड 15 किलोमीटर लम्बाई का श्रद्धा पूरी-2 से जाग्रती विहार तक में से 10.7 कि0मी0 एलीवेटेड भाग एवं 4.3 कि0मी0 का भूमिगत भाग होगा। उन्होंने बताया कि आगरा मेट्रो डी0पी0आर0 30 कि0मी0 लम्बाई के साथ 02 खण्डों की परिकल्पना की गयी है, जिसमें पहला खण्ड सिकन्दराबाद से ताज ईस्ट तक लगभग 14 कि0मी0 में से एलीवेटेड भाग 6.4 कि0मी0 एवं अण्डरग्राउण्ड भाग 7.6 कि0मी0 प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने बताया कि दूसरा खण्ड आगरा कैण्ट से कालिन्दी विहार तक लगभग 16 कि0मी0 का सम्पूर्ण एलीवेटेड मेट्रो खण्ड प्रस्तावित किया गया है।
श्री सिंघल ने बताया कि कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में दो मार्ग शामिल किए गए हैं। पहला मार्ग आईआईटी कानपुर से नोबस्ता तक है और इसकी लंबाई 23.785 किमी है जिसमें 15.164 किमी एलेवेटिड खंड और 8.621 किमी. अंडरग्राउंड खंड है। दूसरे मार्ग की लंबाई 8.6 किमी है, जो कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा तक है और इसमें 4.8 किमी एलेवेटिड खंड है और 4.41 किमी अंडरग्राउंड खंड है। ”आईआईटी कानपुर-नौबस्ता मार्ग पर कुल 22 मेट्रो स्टेशन (14 एलेवेटिड; 8 अंडरग्राउंड) और कृषि विश्वविद्यालय-बर्रा-8 मार्गपर 9 स्टेशन बनाने की योजना है।” उन्होंने बताया कि ”इसके अलावा, यह भी प्रस्ताव किया गया है कि कानपुर मेट्रो के अंतर्गत सभी स्टेशनों पर पार्किंग सुविधा, इसके यात्रियों के लिए फीडर बस सेवाएं, पब्लिक साइकिल शेयरिंग और पैदल यात्री हेतु सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।”
मुख्य सचिव ने बताया कि आईआईटी कानुपर-नौबस्ता मार्ग के लिए पॉलीटेक्नीक कॉलेज में एक अनुरक्षण डिपो बनाने का भी प्रस्ताव है और कृषि विश्वविद्यालय-बर्रा-8 मेट्रोमार्ग के लिए कृषि विश्वविद्यालय में डिपो बनाने की योजना बनाई गई है। कानपुर मेट्रो रेल, लखनऊ मेट्रो की तर्ज पर ऑप्टीकल फाइबर ट्रांसमिशन सिस्टम सहित एकीकृत प्रणाली के साथ उन्नत संचार पर आधारित रेल नियंत्रण प्रणाली (सीबीटीसी) पर चलाई जाएंगी। आईआईटी कानपुर-नौबस्ता मार्ग की कुल अनुमानित लागत करों और शुल्कों सहित अगस्त 2015 के मूल्यों पर 9840 करोड़ रु. और कृषि विश्वविद्यालय-बर्रा-8 मेट्रोमार्ग की कुल अनुमानित लागत करों और शुल्कों सहित अगस्त 2015 के मूल्यों पर 3881 करोड़ रु. आंकी गई है।
श्री सिंघल ने बताया कि वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में दो मार्ग शामिल किये गये हैं पहला मार्ग बी0एच0ई0एल0 से बी0एच0यू0 तक है और इसकी लम्बाई 19.350 कि0मी0 है, जिसमें 3.845 कि0मी0 एलीवेटेड खण्ड एवं 15.505 कि0मी0 अण्डरग्राउण्ड खण्ड है। दूसरा मार्ग बेनिया बाग से सारनाथ तक है और इसकी लम्बाई 9.885 कि0मी0 है, जिसमें 1.923 एलीवेटेड खण्ड है एवं 7.962 अण्डरग्राउण्ड खण्ड है। इसके अतिरिक्त दोनो कॉरीडोर के लिये अनुरक्षण डिपो 13.2 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गनेशपुर में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।