नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने टाउनहॉल कार्यक्रम में गौरक्षकों के संबंध में दिए गए बयान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला किया और कहा कि उन्होंने दलितों पर अत्याचार और गौरक्षक आंदोलन को आपस में जोड़ कर हिन्दू समाज को विभाजित करने और गायों का वध करने वाले कसाइयों को क्लीनचिट दी है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा कि गौरक्षकों के बारे में प्रधानमंत्री के भाषण के बाद देश के करोड़ों हिन्दू रो रहे हैं। बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भोजन त्याग दिया है। देश भर के साधु-संत आक्रोशित हैं। लोगों को लग रहा है कि देश में गौवंश की रक्षा अब और कठिन हो गया है। प्रधानमंत्री ने गौरक्षकों के दमन का आदेश दिया है जिससे कसाइयों को क्लीनचिट मिल गई है तथा अब और ज्यादा गौहत्या होगी। डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि अच्छा होता कि प्रधानमंत्री समस्या के मूल में जाते और गौहत्या रुकवाने के लिए ठोस कदम उठाते। कई राज्यों में गौहत्या निषेध का कानून है, फिर भी गायों को काटा जा रहा है। अगर गायों की अवैध रूप से हत्या ना होती और कानून अपना काम करता तो गौरक्षकों का काम ही क्या रह जाता। देश में आज़ादी के समय प्रति हजार आबादी पर 444 गाएं थीं जो अब 40 रह गई हैं। यह प्रमाण है कि गायों की तस्करी एवं अवैध रूप से उनके वध के कारण गोवंश समाप्त होने की ओर अग्रसर है। विहिप नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान से बात करने के पक्षधर हैं तो गौरक्षकों से भी बात कर लेते। जिन गौरक्षकों ने चुनाव में उन्हें जिताने के लिए जी-जान लगा दी, वे आज बहुत दुखी हैं। अगर मोदी गाय को बचाने के लिए पहल करते तो गौरक्षक भी कानून का अनुपालन करते हुए सहयोग करते, लेकिन इसकी बजाय प्रधानमंत्री ने कह दिया कि गौरक्षक फर्जी हैं और रात के अंधेरे में गोरखधंधे करने वाले असामाजिक तत्व दिन में गौरक्षक बन जाते हैं।डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि अगर मोदी के गौरक्षकों पर दिए बयान के बाद गौहत्या बढ़ती है तो उसकी जिम्मेदारी मोदी की होगी। उन्होंने दोहराया कि विहिप दलितों की सुरक्षा के लिए संकल्पबद्ध है और यदि सरकार एवं समाज मिल कर काम करे तो दलित उत्पीडऩ को रोका जा सकता है।