देश की आवाज: दीपा रच दो इतिहास

rio-2016-olympics-marketingनई दिल्ली। रियो ओलिंपिक एरेना में देश की निगाहें रविवार रात 11.17 बजे से होने वाले जिम्नास्टिक्स के वॉल्ट फाइनल मुकाबलों में पर रहेंगी. 52 वर्ष बाद जिम्नास्टिक्स में देश की ओर से ओलिंपिक में भाग ले रहीं दीपा कर्मकार ने अपने प्रदर्शन से अरबों देशवासियों को आंदोलित कर दिया है. फाइनल में पहुंचने का इतिहास रचने से पहले उन्होंने ओलिंपिक टेस्ट इवेंट में क्वालिफाई करके जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश कर एक नया इतिहास रचा था. अब पदक की बारी है…
दीपा ने वॉल्ट में बेहद कठिन माने जाने वाले प्राडुदुनोवा को सफलतापूर्वक पूरा किया था. वह रियो-2016 में ऐसा करने वाली एकमात्र जिम्नास्ट रहीं. हालांकि अमेरिका की सिमोन बाइल्स ने प्रॉडुनोवा नहीं करने के बावजूद फाइनल में जगह बना ली, मतलब साफ है कि अन्य वॉल्ट कलाओं के जरिए भी अधिक अंक हासिल किए जा सकते हैं, जबकि ऐसा माना जाता है कि प्रॉडुनोवा भले कठिन और खतरनाक है, लेकिन कठिनाई स्तर अधिक होने के कारण इसमें अधिक अंक मिल जाते है।

दे