भतीजे ने पूरी की थी मुराद: क्या मुलायम सिंह को राखी बांधने जाएंगी मायावती!

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लखनऊ। क्या बसपा अध्यक्ष मायावती गुरूवार को रक्षाबंधन के मौके पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह को राखी बांधेंगी। मायावती ने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने के दौरान ‘रक्षाबंधन राजनीति की है। उन्होने प्रदेश में भाजपा के साथ साझे की सरकार के दौरान 1995, 1996 व 2002 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन के घर जाकर उन्हे राखी बांधी थी। हालांकि यह रिश्ता उन्होने बाद में नही निभाया। हालांकि भाजपा नेता लालजी टंडहम उनका इंतजार तो नही करते वे चाहे तो आयें।
इसी साल 24 जुलाई को मायावती ने अपने व मुलायम सिंह के भाई होने का जिक्र करते हुए कहा था, कि उप्र के ‘मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुआ कहकर मुझे कई बार सम्मानित किया। वे मुलायम और मेरे रिश्ते को भाई-बहन का बताते हैं।Ó मायावती ने इस रिश्ते का जिक्र उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के संदर्भ में किया था। मायावती ने कहा था कि ‘अगर वे इस रिश्ते का सम्मान करते हैं तो दयाशंकर को जल्दी गिरफ्तार करवाएं। उप्र सरकार ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी की। उन्हे एक सप्ताह जेल में रहना पड़ा। जिस पर मायावती ने प्रदेश सरकार को खुले आम धन्यवाद नही दिया। अब देखना है कि गुरूवार को रक्षा बंधन के मौके पर वह मुलायम सिंह को राखी बांधने जाती है या नही।
मायावती ने रक्षा बंधन के ठीक पहले बुधवार को प्रेस नोट जारी कर उप्र में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के ‘प्रथम परिवार  के कुनबे में पारिवारिक लड़ाई के खुलकर सडक़ पर आ जाने पर चिंता जतायी है। मायावती ने उप्र की शासन-प्रशासन व्यवस्था पर इसका और भी ज्यादा व्यापक बुरा असर पडऩे को अति-दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये कहा कि आने वाले दिनों में इसका और भी बुरा ख़ामियाज़ा राज्य की 22 करोड़ जनता को झेलना पड़ सकता है। मायावती ने कहा कि उप्र में पहले से ही हालात ज्यादा खराब होकर ‘जंगलराज ‘ का माहौल हर तरफ कायम है और अब सपा प्रमुख के परिवार में ही भीषण अन्तरकलह से स्थिति और भी ज़्यादा बिगडऩे लगी है व लोगों का जीवन और भी ज्यादा कष्टदायी होने वाला है। इस पारिवारिक कलह का पहला शिकार वरिष्ठ अधिकारी बन रहे हैं और समस्त शासन-प्रशासन पर इसका भारी बुरा प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है। उन्होने केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को संविधान के प्रावधानों के अन्र्तगत, व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर, उप्र में विधानसभा आमचुनाव की तिथि जल्द-से-जल्द घोषित करने की तैयारी पूरी कर लेनी चाहिये।