लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि जिस तिरंगे झण्डे को लाठियों-गोलियों की बौछार के बीच अपना बलिदान देकर भी झुकने नही दिया उसको लेकर अब वे यात्रा निकाल रहे हैं जिन्होंने इस देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नही किया था बल्कि अंग्रेजों के साथ खड़े थे। भाजपा ने ‘जरा याद करो कुर्बानीÓ और ‘तिंरगा यात्राÓ का अपने प्रचार में उपयोग कर जता दिया है कि उसे न तो देश के लिए शहीद हुए लोगो का सम्मान करना आता है और नही देश के आनबानशान के प्रतीक राष्ट्र ध्वज का। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तो अपने आयोजनों में तिरंगा का इस्तेमाल ही नही करता है।
अपना-अपना सरकारी काम छोड़कर तिरंगा यात्रा में भाजपा के केन्द्रीय मंत्री दौर-दौरे पर हैं। लखनऊ सहित राज्य के अन्य जनपदों में जाकर केन्द्रीय मंत्री स्वतंत्रता सेनानियों को भी राजनीतिक दलदल में घसीटने का काम करेगें। यह तो स्वतंत्रता सेनानियों की आड़ में ओछी राजनीति करना और शहीदों का अपमान करना है।
आजादी की लड़ाई जिन मूल्यों और आदर्शो को लेकर लड़ी गई थी। भाजपा और आरएसएस दोनो का उनसे कोई लेना देना नही रहा है। देश के लिए हिन्दू-मुसलमान दोनो ने कुर्बानी दी थी और कंधे से कंधा लगाकर संघर्ष में भागीदारी की थी। भाजपा और संघ इनके बीच दरार डालने और संाप्रदायिकता का जहर घोलने का काम करता है।
भारत का तिरंगा राष्ट्रीय एकता और सद््भाव-शांति का संदेशवाहक है जबकि भाजपा और आरएसएस तो सामाजिक सद््भाव बिगाडऩे में लगी रहती है। आरएसएस तो अल्पसंख्यकों के बीच आतंक और दहशत का पर्याय हो गयी है। इस तरह भाजपा और संघ राष्ट्रीय एकता की बुनियाद को ही चोट पहुँचाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार सांप्रदायिक ताकतो के खिलाफ रही है और उसने सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनहित की जो योजनांए लागू की है उससे विकास का एक नया माहौल बना है। ओछी राजनीति जनता नापसंद करती है। प्रदेश की जनता का रुझान विकासपरक राजनीति की ओर है जिसका नेतृृत्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव कर रहे हैं।