अराजक हुए दक्षिण कश्मीर के चार जिले: हालात बदतर

KASHMIR_BURHAN_PROTEST_श्रीनगर। कश्मीर में पिछले 46 दिनों से जारी कफ्र्यू व हिंसा में सबसे बुरे हालात दक्षिणी कश्मीर के हैं। कश्मीर के इस हिस्से में पुलिस बल और सेना के जवान भी दूरी बनाने में लगे हैं। दक्षिणी कश्मीर के चार जिलों पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में पूरी तरह अराजकता फैली हुई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने इन चार जिलों में संचालित 36 में से 33 थानों को एहतियात के तौर पर बंद कर रखा है। केवल तीन ही पुलिस थाने पुलवामा, राजपुरा और अवंतीपुरा में काम कर रहे हैं। इसके अलावा मूकदर्शक बने रहने के निर्देश के बाद सीआरपीएफ के जवान भी इन इलाकों में कम ही जा रहे हैं। प्रभावी पुलिस बल की गैरमौजूदगी में सैकड़ों और हजारों की तादाद में लोग लगभग रोज आजादी रैली निकाल रहे हैं। इन सबके बीच आज मंगलवार को भी घाटी में कफ्र्यू जारी है।
जानकारी के अनुसार जब भीड़ ने पुलिस थानों पर हमला करना शुरू कर दिया तो बाकी थानों को खाली करवा लिया गया। उग्र भीड़ ने कई थानों में आग भी लगा दी थी। पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग ने कुछ समय के लिए दर्जनों थानों को बंद कर दिया है। ज्यादातर थाने अब खाली पड़े हैं, जिनकी सुरक्षा सेना और सीआरपीएफ के जवान कर रहे हैं। सीआरपीएफ के जवान भी साउथ कश्मीर में नजर नहीं आ रहे हैं।
सीआरपीएफ से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें सड़क पर भारी भीड़ के दौरान मूक दर्शक बनने के निर्देश हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया त्राल से बड़ी संख्या में युवाओं ने आतंकी संगठनों को जॉइन किया है। यहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों द्वारा नियोजित ट्रेनिंग कैंप चलाए जा रहे हैं। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में तनाव की स्थिति है। इस दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।