राजनाथ हुए कड़क: कश्मीर में भारत विरोध की इजाजत नहीं

rajnath singhनई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मिशन कश्मीर का आज आखिरी दिन है। जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि बिन कश्मीर भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। केंद्र सरकार घाटी के हर मुद्दों पर संवेदशील होकर विचार कर रही है। सरकार का मत है कि कोशिशें जमीन पर दिखनी चाहिेए ताकि आम लोगों में भरोसा पैदा हो सके। लेकिन हिंसा और भारत विरोध की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
गृहमंत्री ने कहा कि दो दिन के प्रवास में उन्होंने 20 प्रतिनिधमंडलों के 300 सदस्यों से बातचीत की। सभी लोगों ने एक सुर में कहा कि आम कश्मीरी हिंसा में यकीन नहीं करते हैं। जम्मू-कश्मीर की अवाम घाटी में शांति चाहती है।
उन्होंने कहा कि आम कश्मीरियों की समस्या के समाधान के लिए सरकार बहुत जल्द एक नोडल अफसर नियुक्त करेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि बहुत जल्द ही एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा करेगा।जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए 10 हजार एसपीओ की भर्ती की जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों से संयम बरतने की सलाह दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि वो पहले भी कह चुके हैं कि कश्मीर के युवाओं के हाथ में कलम, किताब और कंप्यूटर की जरूरत है। उनके हाथों में बंदूक और पत्थर नहीं होने चाहिए। कुछ लोग युवाओं को गुमराह कर रहे हैं जिन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी के दौरे पर आना चाहता है इसके लिए उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती से पूरी तैयारी करने को कहा है।
जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य की 95 फीसद आबादी शांति चाहती है। कुछ लोग हिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं। लेकिन उन्हें देश की मुख्य धारा में जोडऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ गुमराह लोग औरतों और बच्चों को ढाल बनाकर सेना और सुरक्षाबलों पर हमला करते हैं।