अमेरिका में छायेगा क्रिकेट का बुखार: टी-20 मैच आज

team indiaखेल डेस्क। भारत और वेस्टइंडीज की टीमें अमेरिकी सरजमीं पर अपने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले में जब आमने-सामने होंगी, तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) की नजरें इस खेल को नए बाजार में पहुंचाने पर टिकी होंगी। दोनों टीमों के बीच सप्ताह के अंतिम दो दिनों में दो टी-20 मैच खेले जाएंगे। भारतीय टीम पहली बार अमेरिका में कोई प्रतिस्पर्धी मैच खेलेगी। ऐसे में उसका इरादा टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से मिली हार का बदला चुकता करने का भी होगा।
भारतीय टीम कैरेबियाई सरजमीं पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज जीतने के बाद यहां पहुंची है। क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप में भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धौनी के हाथों में होगी। ये मैच सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क में खेले जाएंगे। यह अमेरिका में आइसीसी से मान्यता प्राप्त एकमात्र वनडे स्टेडियम है। इस मैदान पर पिछले महीने कैरेबियाई प्रीमियर लीग के छह मैच आयोजित हो चुके हैं।
भारत की 14 सदस्यीय टीम में 11 नियमित खिलाडिय़ों की वापसी हुई है, जिन्हें जिंबाब्वे दौरे पर आराम दिया गया था। दिसंबर 2014 में क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास ले चुके धौनी को इस वर्ष सिर्फ सात अंतरराष्ट्रीय मैच और खेलने हैं। इनमें इन दो टी-20 मैचों के अलावा न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में पांच वनडे मैचों की सीरीज शामिल है। धौनी ने पिछले जिंबाब्वे दौरे पर युवा भारतीय टीम की कमान संभाली थी और वनडे और टी-20 सीरीज जीती थीं। दो मैचों की यह सीरीज अमेरिका में आने वाले वर्षों में वार्षिक आयोजन का रूप ले सकती है, जिससे क्रिकेट को नया बाजार और दर्शक मिल सकें।
भारतीय टीम भले ही टेस्ट सीरीज 2-0 से जीतने के बाद यहां पहुंची है, लेकिन टेस्ट टीम के खिलाड़ी बिना किसी अभ्यास के यहां पहुंचे हैं, क्योंकि पोर्ट ऑफ स्पेन में चौथे टेस्ट में बारिश की वजह से अंतिम चार दिन बिल्कुल भी खेल नहीं हो सका था। भारतीय कोच अनिल कुंबले को सीरीज में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। यह धौनी के साथ उनकी पहली सीरीज होगी।
वेस्टइंडीज टीम का फोकस कार्लोस ब्रेथवेट पर होगा, जिन्हें डेरेन सैमी की जगह टीम का कप्तान बनाया गया है। वेस्टइंडीज ने भले ही इस वर्ष की शुरुआत में भारत में आयोजित टी-20 विश्व कप जीता, लेकिन इससे सैमी की कप्तानी नहीं बच सकी। दूसरी ओर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम ओवर में लगातार चार छक्के जड़कर ब्रेथवेट ने अपने नाम का डंका बजा दिया।