शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का फैसला: मार्डन निकाहनामा

nikahलखनऊ(आरएनएस)। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने मॉर्डन निकाहनामा जारी किया है। जिसमें महिलाओं को तलाक का अधिकार देने के अलावा महिलाओं को भी समान अधिकारों की बात कही गई है। अब्बास ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक को सौपा। यासूब ने मौलाना सादिक से इस निकहनामे को लागू कराने की अपील की है। मॉर्डन निकाहनामे में है महिलाओ को तलाक का अधिकार।
बताते चलें कि तीन तलाक के मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में बोर्ड ने कहा कि सामाजिक सुधार के नाम पर पर्सनल लॉ को दोबारा नहीं लिखा जा सकता और तलाक की वैधता सुप्रीम कोर्ट के अधिकार में नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लॉ कोई कानून नहीं है जिसे चुनौती दी जा सके, बल्कि ये कुरान से लिया गया है। ये इस्लाम धर्म से संबंधित सांस्कृतिक मुद्दा है।
बोर्ड ने हलफनामे में कहा, तलाक, शादी और देखरेख अलग-अलग धर्म में अलग-अलग हैं। एक धर्म के अधिकार को लेकर कोर्ट फैसला नहीं दे सकता। कुरान के मुताबिक तलाक अवांछनीय है लेकिन जरूरत पडऩे पर दिया जा सकता है। इस्लाम में ये पॉलिसी है कि अगर दंपति के बीच नहीं बन रही है तो संबंध को खत्म कर दिया जाए। तीन तलाक को इजाजत है क्योंकि पति सही निर्णय ले सकता है, वो जल्दबाजी में फैसला नहीं लेते। वैध कारणों की स्थिति में तीन तलाक इस्तेमाल किया जाता है।