रमन बोले: मानव तस्करों और फर्जी चिटफंड कम्पनियों से सावधान रहे जनता

Raman-singhरायपुर (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के मेहनतकश श्रमिकों और ग्रामीणों से अपील की है कि वे मानव तस्करों और फर्जी चिटफंड कंपनियों से सावधान रहें। मुख्यमंत्री आज सवेरे आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठÓ में श्रोताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उनका यह प्रसारण राज्य में स्थित सभी केन्द्रों तथा प्राइवेट एफ.एम. रेडियो चैनलों और कुछ प्रमुख प्राइवेट टेलीविजन चैनलों से भी किया गया।
डॉ. सिंह ने अपनी रेडियो वार्ता में ग्रामीणों से मानव तस्करों के चंगुल में नहीं आने का भी आव्हान किया। उन्होंने लोगों से गांव में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने का भी आग्रह किया। उन्होंने इस समस्या को हल करने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा जनता और प्रशासन के बीच निरंतर समन्वय की जरूरत पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा-यह बड़ी विडम्बना है कि एक ओर हम 21वीं सदी में वैज्ञानिक विकास की बात करते हैं तो दूसरी तरफ मानव तस्करी की चर्चा भी होती है। यह एक विश्वव्यापी समस्या है कि बेहतर रोजगार के लिए बाहर जाने वाले को कई बार अपराधियों के द्वारा किए जाने शोषण का शिकार होना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा-मैंने सभी जिलों में प्रशासन को यह निर्देश दिए हैं कि रोजगार की दृष्टि से अपने परिवार की बेहतर आमदनी के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने वाले छत्तीसगढ़ के लोगों की समुचित जानकारी उनके ग्राम पंचायतों में उपलब्ध होनी चाहिए और समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा भी होनी चाहिए। उन्होंने आज के प्रसारण में जहां मानव तस्करी जैसे विषय को अत्यंत गंभीरता से लिया, वहीं इस बात को भी रेखांकित किया कि जशपुर, रायगढ़ और सरगुजा के सीमावर्ती इलाकों में पहले की तुलना में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा-जशपुर और रायगढ़ जिले में पुलिस और समाज के सहयोग से इतनी अच्छी प्रणाली विकसित की गई है कि वहां मानव तस्करी के अपराध को रोकने के लिए गांव-गांव में पंचायत पदाधिकारी और सरकारी कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। इसके फलस्वरूप वहां इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगा है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में सराहनीय कार्य के लिए दोनों जिलों के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार का भी उल्लेख किया।
सामाजिक बुराईयों के खिलाफ कमांड़ों की तरह तैयार हो रही छत्तीसगढ़ की बेटियां
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में संकट में फंसी छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की 32 बेटियों को सकुशल घर वापस लाने में बालोद जिला प्रशासन और पुलिस को मिली सफलता का भी जिक्र किया और इसके लिए वहां के पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ हुसैन के प्रयासों की भी तारीफ की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पदमश्री सम्मानित श्रीमती शमशाद बेगम ने इन बेटियों को सामाजिक बुराईयों से लडऩे तथा गांवों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण देकर कमांडों की तरह तैयार कर रही है। बालोद जिला प्रशासन ने इन बेटियों के लिए रोजगारमूलक प्रशिक्षण के साथ-साथ ऋण दिलाने की भी व्यवस्था की है। उन्हें स्व-रोजगार स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकों से भी ऋण दिलाया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के श्रमिकों को मानव तस्करों से बचाने के लिए राज्य सरकार ने नई दिल्ली स्थित अपने छत्तीसगढ़ सदन में आवासीय आयुक्त के नियंत्रण में एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का बड़ा निर्णय लिया है। यह प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और दिल्ली तथा आस-पास के राज्यों के उनके नियोक्ताओं के साथ अच्छे संबंध विकसित करने के लिए भी कदम उठाएगा। इसके अलावा श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण भी प्रकोष्ठ के माध्यम से किया जाएगा। उन्हें बीमारी या अन्य परेशानी की स्थिति में तत्काल मदद भी पहुंचाई जाएगी।