भंगड़ा किंग सुखबीर दी ‘गल बन गई

sukhveerअनिल बेदाग। एक कहावत चली आ रही है कि ‘ओल्ड इज़ गोल्ड। जिस तरह पुरानी शराब महंगी होती है, उसी तरह पुराने गीत भी अपना करिश्माई प्रभाव रखते हैं। यहां हम शराब की तुलना कला से नहीं कर रहे, बल्कि पुरानी चीज़ों का महत्व बता रहे हैं जिनमें गीत-संगीत भी शामिल है। किशोर, रफी और मुकेश के गीत आज भी सदाबहार हैं जिन्हें सुनने के बाद श्रोता सुकून की नींद सोते हैं, लेकिन यहां हम श्रोताओं को सुलाने नहीं, जगाने आए हैं क्योंकि इनके गीतों में एनर्जी है, तेज़ी है, जो रातभर नाचने को मजबूर करती है इसलिए तो इन्हें पंजाबी थीम पर बने बुलेट गीतों का फुर्तीला गायक कहा जाता है। बुलेट जैसी तेज़ी न सिर्फ इनके शरीर में, बल्कि गीतों में भी है। गायक सुखबीर का नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं, जिनके गाए गीतों ने कभी संगीत जगत में जबरदस्त उपफान पैदा किया था। सौदा खरा-खरा, कुंडिय़ां दी, मुंडयां दी गल बन गई और इश्क तेरा तड़पावे जैसे गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। श्रोता आज भी इनके किसी नए गीत का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं लेकिन सुखबीर का बॉलीवुड से बार-बार लापता होना अखरता है। वो इसलिए कि गायक के चाहने वाले न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया भर में इनकी दीवानगी श्रोताओं के सिर चढ़कर बोलती है।
भंगड़ा किंग के नाम से विख्यात सुखबीर के स्टेज शोज़ इन्हें जरूरत से ज्यादा व्यस्त रखते हैं और शायद इसलिए भारतीय श्रोता इनके नए गीतों को सुनने से वंचित रहते हैं, लेकिन अब इंतज़ार खत्म। सुखबीर फिर से छा जाने को तैयार हैं क्योंकि हाल ही में इनका नया सिंगल गीत ‘गल बन गईÓ एक नई रिद्म और अंदाज़ के साथ टीसीरीज़ ने लॉन्च किया है जिसके म्यूजि़क वीडियो में विद्युत जामवल और उर्वशी रौतेला के साथ खुद सुखबीर भी नजऱ आ रहे हैं। गीत पुराना है, पर रीमेक में फ्लेवर नया है। इस इस बार इस सिंगल गीत में चार सिंगर्स का मिक्सचर है। रैप में हनी सिंह ने मैजिक पैदा किया है और नेहा कक्कड़ ने सुखबीर का पूरा साथ दिया है। सुखबीर कहते हैं कि ‘गल बन गईÓ मेरा पुराना गीत जरूर है, पर इसमें हमने थोड़ा-सा ही पुराना एलीमेंट लिया है।
सिंगल्स के चलन पर सुखबीर कहते हैं कि सिंगर्स के लिए अच्छी स्थितियां बन रही हैं। पहले हमें एक पूरे एलबम के सात या आठ गीतों पर एक-साथ मेहनत करनी पड़ती थी जिससे पैसा और समय भी ज्यादा लगता था जबकि सिंगल्स के चलन से हम एक गीत पर ही फोकस करते हैं जिससे अच्छी क्वालिटी निकलकर आती है। सुखबीर अब तक फिल्मों के लिए गायन को कम ही वक्त दे पाए हैं। धूम-2 का एक गीत ‘दिल लगाÓ के अलावा इन्होंने एक पंजाबी फिल्म के लिए भी गाया है, पर मिका और दलेर की तरह वह सक्रिय क्यों नहीं रह पाए! इस सवाल पर सुखबीर कहते हैं कि मैं इंडिया में ज्यादा समय नहीं रह पाया, जिसका मुझे नुकसान भी हुआ पर क्या करता। स्टेज शोज़ की डिमांड इतनी थी कि दुनिया भर में घूमता रहा, जिससे बॉलीवुड के ज्यादा नज़दीक नहीं आ पाया, पर अब ऐसा नहीं होगा। कई प्रोजेक्ट्स पाइप लाइन में हैं। एक और गीत ‘इश्कÓ पर काम शुरू हो गया है, जो फिल्म के लिए है। मैंने फिल्मों के लिए भी कुछ गीत तैयार किए हैं, जो समय आने पर श्रोताओं को सुनाई देंगे। मैं दोबारा कहना चाहूंगा कि भले ही मेरा ज्यादा वक्त दुबई में गुजरा है, पर पहचान मुझे मेरे देश ने ही दी है।