जानिए इस बार क्यों है नवरात्र में विशेष संयोग

Navratri 1धर्म डेस्क। 16 वर्ष बाद फिर नवरात्र में विशेष संयोग बन रहा है। दूज तिथि लगातार दो दिन होने के कारण शारदीय नवरात्र नौ की जगह 10 दिन का होगा। श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही, शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य संजय पांडे के अनुसार 1 अक्टूबर से नवरात्र आरंभ होंगे। इस बार दुर्गा जी अश्व पर आएंगी और भैंसा पर बैठकर जाएंगी। शारदीय नवरात्र इस बार 10 के होंगे। ये 10 दिन सुख- समृद्धिदायक होगें। शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होंगे। इस बार गजकेशरी योग में शारदीय नवरात्र होंगी। ऐसा इसीलिए कि गुरु व चन्द्रमा एक साथ कन्या राशि में लग्न स्थान में होने से गजकेशरी महासंयोग बन रहा है। शारदीय नवरात्र में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। 1 अक्टूबर से शुरू होकर शारदीय नवरात्र उत्सव 10 अक्टूबर तक रहेगा।
विशेष यह है कि इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व से होगा व गमन भैंसा पर होगा, जो अति शुभ है। देवीपुराण में उल्लेखित है कि नवरात्र में भगवती के आगमन व प्रस्थान के लिए वार अनुसार वाहन बताए गए हैं। देवी भागवत में नवरात्र के प्रारंभ व समापन के वार अनुसार मां दुर्गा के आगमन प्रस्थान के वाहन इस प्रकार बताए हैं। आगमन वाहन- रविवार व सोमवार को हाथी, शनिवार व मंगलवार को घोड़ा, गुरुवार व शुक्रवार को पालकी, बुधवार को नौका आगमन होता है। प्रस्थान वाहन-रविवार व सोमवार भैसा, शनिवार और मंगलवार को सिंह, बुधवार व शुक्रवार को गज हाथी गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं। शनिवार के दिन हस्त नक्षत्र में घट स्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व काल शुरु होगा। शनिवार के दिन हस्त नक्षत्र में यदि देवी आराधना का पर्व शुरू हो, तो यह देवीकृपा व इष्ट साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
10 दिन विशेष, 11 अक्टूबर को मनेगा दशहरा

– 1 अक्टूबर- घटस्थापना, गजकेशरी योग।

– 2 अक्टूबर- द्वितीया, द्विपुष्करयोग

– 3 अक्टूबर- द्वितीया,रवियोग

– 4 अक्टूबर- तृतीया,रवियोग

– 5 अक्टूबर- चतुर्थी,रवियोग, अमृतसिद्धियोग

– 6 अक्टूबर- पंचमी षष्ठी, सर्वार्थ सिद्धियोग,रवियोग

– 7 अक्टूबर- षष्ठी रवियोग

– 8 अक्टूबर – पर्जन्य सप्तमी,सरस्वती पूजन

– 9 अक्टूबर- महाष्टमी रवियोग सर्वार्थ सिद्धियोग

-10 अक्टूबर – महानवमी,रवियोग