लखनऊ के नृपेन्द्र पाण्डेय को मिला मोदी की मां का आशीर्वाद

modi-motherलखनऊ, आरएनएस ।  लखनऊ से पदयात्रा पर निकले सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव व हजरतगंज के पूर्व पार्षद नृपेन्द्र पाण्डेय ने रविवार को  गांधी नगर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन का आशीर्वाद लिया। वे बीते छह अक्टूबर को जिला जज वीरेन्द्र कुमार की  उपस्थिति में लखनऊ कचहरी से पैदल दर्शन के लिए गांधीनगर को रवाना हुए थे, जो अब एक माह बाद वहां पहुंचे हैं। दूरभाष पर बातचीत करते हुए नृपेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि मां हीराबेन को उन्होंने तुलसी की माला भेंट की है, जिसे उन्होंने सहर्ष तुरंत धारण कर लिया। बकौल  नृपेन्द्र, लखनऊ से पैदल चलकर गांधीनगर पहुंचने की बात सुनकर मां हीराबेन बेहद भावुक हो गईं और उन्होंने अधिवक्ता नृपेन्द्र के सिर पर  हाथ रखकर उन्हें आशीष दिया। मुलाकात के दौरान मां हीराबेन की देखभाल करने वाले प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज मोदी व कई अन्य स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। इस मौके पर पंकज मोदी ने श्री पाण्डेय व उनके साथियों के साहस की जमकर सराहना की। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि गांधी नगर तक पैदल पहुंचने में उन्हें पूरे एक माह लग गए और इस दौरान उन लोगों ने लइया चना व ढाबे पर खाना खाने के  अलावा कई रात बिना कुछ खाए-पिए ही बिताए। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग देवी स्थानों पर आस्था के भाव से दर्शन के लिए जाते हैं, उसी तरह वे भी भारत का भाग्य बदलने में लगे नरेन्द्र मोदी जैसे महानायक को जन्म देने वाली देवी मां हीराबेन के दर्शन के लिए गांधीनगर  पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि शायद ये हीराबेन जैसी महान कोख वाली महिला की शक्ति है कि 1200 किमी की यात्रा को उन्होंने दुर्गम जंगलों  व पहाडियों के बीच से पैदल पार कर लिया। श्री पाण्डेय ने बताया कि गांधीनगर पहुंचने पर गुजरात सरकार की ओर से उन लोगों का आतिथ्य हुआ और सरकारी अतिथि भवन में उन्हें ठहराया गया। इस सुविधा को शुरू में उन्होंने लेने से मना किया था, पर मां हीराबेन के कहने पर उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मां हीराबेन ने उन्हें महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए  अधिवक्ता समाज को एकजुट करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि प्रधानमंत्री उन्हें मिलने के लिए बुलाएंगे तो वे अपनी  यात्रा वृतांत से उन्हें स्वयं अवगत कराने की इच्छा रखते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2003 में नृपेन्द्र पाण्डेय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के जन्म दिन पर 4214  किलो  का लड्डू बनवाकर अपना नाम लि का बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड में दर्ज करा चुके हैं। इस कारण वाजपेई उन्हें प्यार से लड्डू पाण्डेय  कहकर संबोधित करते थे।