नोटबंदी का मिलेगा फायदा: कम होगी ईएमआई

2000-notesमुंबई। भारत सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने से बैंकों की चांदी हो चुकी है। इसका फायदा जल्द ही आम जनता को भी मिलेगा। माना जा रहा है कि इस वजह से लोन सस्ते मिलेंगे। एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक बैंकों के पास 4चार लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।
ग्राहकों को मिलेंगे ये फायदेनोटबंदी के बाद लोग कैश जमा कराने बैंकों में जा रहे हैं। बैंकों के पास इससे इतना कैश जमा हो रहा है कि अब उन्होंने डिपॉजिट रेट्स में कटौती शुरू कर दी है। इस वजह से अब लोन सस्ते होंगे। इससे रिजर्व बैंक की लंबे समय से चली आ रही यह शिकायत भी दूर हो जाएगी कि बैंक उसके रेट कट का पूरा फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे हैं। देश के कई शहरों में कैश खत्म हो गया है लेकिन कुछ शहरों में बैंक ब्रांचों के बाहर की लाइन छोटी होने की खबरें भी हैं।
सुधरेगी इकॉनमी की हालतभारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट रेट को घटाकर 6.90 फीसदी कर दिया है। उसने इसमें 0.15 पर्सेंट की कटौती की है। वहीं, बैंक ने 211 से एक साल के डिपॉजिट के लिए डिपॉजिट रेट को पहले के 7 पर्सेंट पर बनाए रखा है। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है जो बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं, लेकिन इस वजह से जल्द ही लोन सस्ते होने लगेंगे। इससे इकनॉमी को बूस्ट मिलेगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ भी बढ़ेगी।
सभी रेट्स होंगे कमएसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने भी कहा है कि सभी रेट्स कम होंगे। बैंकों के पास काफी पैसा आ रहा है, लेकिन लोन की मांग कम है। इसलिए कुछ समय बाद लोन की दरें कम होंगी। एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी के बाद से बैंकों के पास अब तक 4 लाख करोड़ रुपये आ चुके है। यह कितनी बड़ी रकम है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 30 दिसंबर तक 10 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट बैंकों में आने की बात कही थी। एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों को बुधवार तक 1 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट मिल चुका था। देश के बैंकिंग मार्केट के 25 फीसदी हिस्से पर एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों का कब्जा है। प्राइवेट बैंकों में एक्सिस ने दरें घटाने की पहल की है। उसने लोन की दरों में 0.15-0.20 फीसदी की कमी की है। बैंक अब 9.05 फीसदी का ब्याज लेगा। यह एसबीआई के 8.90 फीसदी से अधिक है।