नए एक्सप्रेसवे पर कैशलेस होगा टोल कलेक्शन

samjwadi purvanchal Express wayनई दिल्ली (आरएनएस)। देश में बनने वाले सभी नए एक्सप्रेसवे कैशलेस होंगे। इन एक्सप्रेसवे पर अडवांस्ड गैंट्री बेस्ड टोलिंग सिस्टम मौजूद होगा जिससे टोल चार्ज इलेक्ट्रॉनिक तरीके से लिया जा सकेगा और वीइकल्स को टोल प्लाजा पर कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी।
यह टोल कलेक्शन का अडवांस्ड सिस्टम है, जिसमें टोल बूथ जैसे रोड पर मौजूद किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक बीम के जरिए वीइकल से टोल वसूला जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक बीम हाइवे पर मौजूद होती है और वीइकल जब इसे पार करता है तो उससे टोल इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ले लिया जाता है। टोल चार्ज ऑटोमेटेड तरीके से चुकाने के लिए बैंकों की ओर से जारी किए जा रहे आरएफआईडी कार्ड गैंट्री बेस्ड सिस्टम के लिए भी काम करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर ईस्टर्न एक्सप्रेसवे अडवांस्ड हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के साथ इसकी शुरुआत होगी।
जापान इंटरनैशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) इसके लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगी। ऐडवांस्ड टोलिंग सिस्टम के साथ ही 135 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में ड्राइवर्स को ट्रैफिक जाम या किसी दुर्घटना सहित रोड की स्थितियों की जानकारी देने के लिए वेरिएबल मेसेज डिस्प्ले सिस्टम और लाइव साइनेज होंगे। रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री ने अपने सभी नैशनल हाइवेज पर इस तरह का टोलिंग सिस्टम रखने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत नए बन रहे एक्सप्रेसवे से होगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, हमने जेआईसीए से नए हाइवेज के लिए सहायता उपलब्ध कराने का निवेदन किया है। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या बहुत कम हो जाएगी क्योंकि ऑटोमेटेड प्रीपेड कार्ड रखने वालों के लिए कोई टोल प्लाजा नहीं होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा करने के बाद से सरकार टोल चार्ज की कैशलेस पेमेंट पर काफी जोर दे रही है। रोड ट्रांसपोर्ट ऐंड हाइवेज मिनिस्ट्री का मानना है कि टोल प्लाजा पर कैशलेस ट्रांजैक्शंस से ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी और ईंधन की बचत की जा सकेगी। इससे यात्रियों और ट्रक ड्राइवरों को भी सुविधा होगी।
अधिकारी ने कहा, हम उन लोगों के लिए टोल प्लाजा के साथ सिंगल लेन रख सकते हैं जो कैश या ई-वॉलिट के जरिए टोल का भुगतान करना चाहते हैं। ऑटोमेटेड टोलिंग लेन से भारी वाहन और रोजाना सफर करने वाले लोगों को काफी सुविधा होगी। देश में लगभग 50,000 करोड़ रुपये की कॉस्ट से कम से कम 16 नैशनल हाइवेज बनाने की योजना है। तीन बड़े एक्सप्रेसवेज- दिल्ली-ईस्टर्न, वेस्टर्न और मेरठ एक्सप्रेसवे को 2018 तक खोला जा सकता है।