अमर बोले: मुझे बाहरी होने पर गर्व है

amar singh

लखनऊ। मैं बाहरी हूं और मुझे बाहरी होने पर गर्व है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह ने कहा कि बाहर निकलकर जो बोलना-डोलना बंद कर दे, वह न तो संत हो सकता है और ही नेता। मैं बोलता भी हूं और डोलता भी हूं। इस दौरान वह सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर कुछ भी बोलने से कतराते दिखे। उन्होंने कहा कि इस मामले पर कुछ भी बोलना मेरे स्तर की बात नहीं है। नेताजी का जो आदेश मिलेगा, उसका पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन पर रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और किरनमय नंदा ही ज्यादा बता सकते हैं। वह मुख्यमंत्री के नजदीक हैं और पार्टी में पदाधिकारी भी।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात पर पूछे सवाल के जवाब में अमर सिंह ने कहा कि न ही मैंने उनसे कभी मुलाकात के लिए समय मांगा और न ही उन्होंने कभी मुझे बुलाया। उन्होंने कहा कि लखनऊ मेरा घर है। मैं यहां आता ही रहता हूं। शिवपाल से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि वह हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं और मैं राष्ट्रीय महासचिव। इसमें राजनीति जैसी कोई बात नहीं है। उनसे हमारे अच्छे रिश्ते हैं।अखिलेश और सपा पर है नेताजी की छत्रछायासपा परिवार में मचे घमासान पर अमर सिंह ने कहा कि अब सब सही हो चुका है। उन्होंने कहा कि नेताजी बाग हैं तो अखिलेश डाल हैं, नेताजी समुद्र तो अखिलेश धारा हैं। नेता जी के संघर्ष का ही नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है। मुलायम अखिलेश और समाजवादी पार्टी के पिता हैं। दोनों के सिर पर नेता जी की छत्रछाया और आशीर्वाद है। इसी के चलते विरोधी परेशान हैं।राजा और जनता दोनों सुरक्षित रहेंनोटबंदी पर अमर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से 50 दिनों की अपील की थी। इस समय सीमा के बाद ही स्थिति का सही आंकलन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जनता को अगर शासक से परेशानी होती है तो उसका अंत निश्चित है। उन्होंने कहा कि मैं कामना करता हूं कि राजा और जनता दोनों सुरक्षित रहें।