सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं चली सहारा की दलील: जाना होगा जेल

Subrata-Roy-Sahara-PTIनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पैसे जमा करने में बहाना बना रहे सहारा समूह को और वक्त देने से साफ़ मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें सेबी के पास 600 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए और कोर्ट से और वक्त की मांग की गई थी। सहारा ने कोर्ट में बहाना बनाया कि, उसे नोटबंदी के चलते पैसा जुटाने में परेशानी हो रही है। अदालत सहारा समूह की दलील पर राजी नहीं हुई।
गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने साफ़ कर दिया कि वक्त पर पैसा जमा न करने पर सुब्रत रॉय को फिर जेल भी भेजा जा सकता है। इससे पहले पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि 6 फरवरी, 2017 तक 600 करोड़ नहीं करवाने पर सहारा चीफ को फिर से जेल जाना होगा।
सहारा समूह ने अपनी याचिका में पैसा जमा कराने के लिए और वक्त की मांग की थी। समूह ने तर्क दिया कि नोटबंदी की वजह से पैसा जुटाने में दिक्कत हो रही है। नोटबंदी के चलते प्रॉपर्टी बेचने में भी दिक्कत है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट किसी भी दलील पर राजी नहीं था। इससे पहले पिछले साल 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल से बाहर रहने के लिए 6 फरवरी 2017 तक 600 करोड़ रुपये जमा कराने की समय सीमा दी थी।
इस मामले में सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल में 2 साल रहना पड़ा। पिछले साल मई में वह पेरोल पर तब बाहर निकले थे, जब उनकी मां का निधन हो गया था। परोल की अवधि उस शर्त पर आगे बड़ी कि वे निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए समय-समय पर सेबी के पास रकम जमा कराते रहेंगे। बाद में सुब्रत रॉय की पेरोल 28 नवंबर तक बढ़ा दी गई। तब सहारा समूह ने सेबी के पास 200 करोड़ रुपये जमा भी कराए थे। उस वक्त सहारा समूह की ओर से हियरिंग के दौरान कहा गया कि वह निवेशकों को तमाम बकाया 26 महीने में लौटा देंगे। यह भी कहा गया कि 2018 तक रुपये लौटा दिए जाएंगे।