चुनाव डेस्क। इस चुनाव में सोशल मीडिया लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का एक बेहतरीन जरिया है। इसी को देखते हुए अखिलेश यादव ने सपा का एक इलेक्शन वॉर रूम तैयार कराया है। अखिलेश के वॉर रूम में मैनेजमेंट एक्सपर्ट से लेकर कम्युनिकेशन एक्सपर्ट तक मौजूद हैं, जो सातों दिन 24 घंटे काम कर रहे हैं। यह वॉर रूम जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट से चलाया जा रहा है, जहां से विरोधियों को जवाब देने से लेकर अखिलेश सरकार की खूबियों का सोशल मीडिया पर बखान करने का काम किया जा रहा है। वॉर रूम की खास बात यह है कि इस बार चुनावी तैयारी में साइकल निशान के बजाए सीएम अखिलेश के चेहरे पर फोकस है। डिजिटल मीडिया से लेकर हर क्रिएटिव में अखिलेश यादव ही नजर आएंगे।
इस पूरे सिस्टम को टेकनोक्रेट संभाल रहे हैं। वॉर रूम के हेड बुंदेलखंड के झांसी के रहने व आशीष है। आशीष मीडिया कम्युनिकेशन के एक्सपर्ट हैं और दुनिया के सबसे बड़े ग्रुप बीबीसी के लिए भी काम कर चुके हैं। दूसरा नाम आता है अहमद का, जो हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर आए हैं। अहमद मीडिया कंसलटेंट हैं। इसके पहले वे डेल, कोलकाता नाइट राइडर्स, एशियन पेंट्स जैसी कई कंपनियों के लिए काम भी कर चुके हैं। इसमें सबसे अहम नाम है मनोज का। आजमगढ़ के रहने वाले मनोज काम बोलता है वीडियो के गीतकार भी हैं। उन्होंने वल्र्ड कप 2011 का ऐंथम दे घुमा के भी लिखा है। इसके अलावा उन्होंने पीकू, नील बटा सन्नाटा जैसी फिल्मों के लिए भी गाने लिखे हैं।
अखिलेश के वॉर रूम का पहला हिस्सा डिजिटल मॉनीटरिंग का है। मॉनिटरिंग सेल से विपक्ष के हर नेता का जवाब देने की भी पूरी तैयारी रहती है। यह सेल रीजनल, नेशनल चैनलों और वेबसाइट्स पर आने वाले नेताओं के बयानों को लगातार रिकॉर्ड करती है। सीएम अखिलेश या पार्टी को लेकर उठ रहे सवालों का तुरंत जवाब तैयार किया जाता है। इसे अपने प्रवक्ताओं के जरिए तुरंत जनता के सामने लाया जाता है। अगर किसी प्रवक्ता को कोई आंकड़ा या जवाब चाहिए तो यह सेल वह जवाब भी तैयार करती है। इसके साथ ही इस वॉर रूम से फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प पर वायरल हो रहे संदेशों को भी मॉनीटर किया जाता है। यहां लोगों का रुझान भी चेक किया जाता है कि अखिलेश के प्रति लोग क्या सोच रहे हैं। सीएम अखिलेश के वॉर रूम के दूसरे हिस्से में रिसर्च का काम होता है। यहां रिसर्चर चुनाव संबंधित रिसर्च करते हैं कि किस क्षेत्र के क्या अहम मुद्दे हैं। क्षेत्र के मुद्दों के आधार पर ही इंफोग्राफिक्स भी तैयार कराए जाते हैं, जिससे लोगों को अखिलेश और सपा सरकार की पॉलिसी समझाई जा सके। इसके अलावा यहां राजनीतिक ट्रेंड की मॉनीटिरिंग भी की जाती है।वॉर रूम के तीसरे हिस्से में चुनाव के लिए ऑडियो-वीडियो प्रचार बनाने का काम होता है। यहीं पर काम बोलता है और अखिलेश का वीडियो भी तैयार कराया गया था। साथ ही यहां पार्टी की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल भी मैनेज किए जाते हैं। यही वजह रही कि पार्टी के झगड़े के बीच भी इस वॉर रूम से अखिलेश के काम और उनसे संबंधित जानकारियां सोशल मीडिया में पोस्ट की जाती रहीं।
वॉर रूम के चौथे हिस्से में टेली कॉलिंग की व्यवस्था की गई है। यहां नौजवान टेली कॉलर्स रोजाना यूपी के अलग-अलग चुनाव क्षेत्रों में कॉल कर सपा सरकार का फीडबैक लेते हैं। साथ ही लोगों को अखिलेश सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया जाता है। यहां से रोज अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में करीब 1500 से 2000 तक लोगों को फोन किया जाता है। जनता से फोन करके प्रत्याशियों, विधायकों के कामकाज और पार्टी की हवा का रुख समझा जाता है। वोटरों से पूछा जाता है कि क्षेत्र किस तरह का माहौल चल रहा है। सपा के प्रत्याशी की छवि कैसी है। चुनाव में इस बार क्या एजेंडा चलेगा। प्रत्याशी में क्या कमी है, क्या इससे चुनाव जीता जा सकता है। इसके लिए एक फीडबैक फॉर्म तैयार किया जाता है। इस फार्म को सीएम अखिलेश यादव और उनकी टीम तक नियमित पहुंचाया जाता है।