गायत्री को काली कमाई ने बनाया करोड़पति

gayatri prajaआशुतोष मिश्र, अमेठी। गठबंधन के चलते अमेठी में सपा के कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रजापति और कांग्रेसी नेता रानी अमिता सिंह आमने सामने आ गए हैं। सबसे ज्यादा मतभेद अमेठी सीट को लेकर है। पांचवे राऊण्ड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा के सिम्बल पर कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति ने नामिनेशन किया। नामिनेशन में गायत्री द्वारा दिए गए एफिडेविट में 2012 के चुनाव के मुकाबले में गायत्री प्रजापति की पूरी सम्पत्ति करोड़ों में पहुंच गई है।
अमेठी सीट से कांग्रेस के प्रचार कमेटी के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद की पत्नी रानी अमिता सिंह चुनाव में उतरने की पूरी तैयारी में हैं। 9 फरवरी को वे नामिनेशन करेंगी। अमेठी राजघराना इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। इसके लिए रानी अमिता सिंह ने प्रियंका गांधी से भी संपर्क साधा है।
गायत्री प्रजापति 2002 तक बीपीएल कार्ड धारक थे। जब उन्होंने 2012 में सपा के टिकट पर पर्चा भरा तो अपनी चल-अचल संपत्ति 1.83 करोड़ बतायी थी। साल 2009-10 में भरे उनके इनकम टैक्स रिटर्न के अनुसार संबंधित वित्त वर्ष में उनकी वार्षिक आय 3.71 लाख रुपये थी। साल 2011 में प्रजापति तब पहली बार मीडिया की सुर्खियों में आए जब आगरा में हुए पार्टी अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया कि अमेठी के गायत्री प्रसाद प्रजापति ने पार्टी को 25 लाख रुपये का चंदा दिया है। वहीं असलहे सम्बंधित जानकारी में मंत्री गायत्री प्रजापति ने एक पिस्टल, एक रायफल और एक बंदूक होना बताया है। वहीं लग्जरी गाडियो से चलने वाले मंत्री के पास सिर्फ जीप ही है जो उन्होंने अपने एफिडेविट में दर्शाया है।
पहली बार विधायक बनने के करीब एक साल बाद प्रजापति को फरवरी 2013 में अखिलेश सरकार में कृषि राज्य मंत्री बनाया गया। जुलाई 2013 में उन्हें प्रमोशन देते हुए स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाया गया। जनवरी 2014 में एक और प्रमोशन के साथ वो अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। मात्र 11 महीनों में प्रजापति को तीन प्रमोशन मिलने से यूपी के सियासी हलक़ों में सब हैरत में थे। पिछले साल मुलायम-शिवपाल से तकरार के बाद अखिलेश ने खनन मंत्री प्रजापति को कैबिनेट से निकाल दिया। इसकी एक वजह उनका मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव का करीबी होना भी बताया गया।