आर्मी चीफ के बयान से आया राजनीतिक तूफान

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नई दिल्ली। कश्मीर में आतंकियों के एंकाउंटर पर लोगों के प्रदर्शन के बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान पर सियासी बवाल मच गया है। कश्मीर से लेकर दिल्ली तक बयानबाजी का दौर चल रहा है। कांग्रेस ने जहां रावत के बयान पर चिंता जताई है, वहीं भाजपा सेना राजनीति में नहीं घसीटने की नसीहत दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रावत के बयान पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि अगर सेना कश्मीर के बच्चों को पकड़ती है तो यह बहुत ज्यादती होगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजाद के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। इस बीच कश्मीर में अलगाववादियों के साथ साथ मुख्यधारा नेताओं ने भी सेना प्रमुख रावत के बयान की आलोचना की है।
अपने गृह राज्य में मौजूदा हालात के लिए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ये हालात केंद्र सरकार की नाकामी की वजह से है। इन्हें समझ नहीं आया, क्या करना है। उन्होंने पूछा कि हम भी सरकार चलाते थे, तब क्यों नहीं हुआ? सेना प्रमुख के बयान पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि यह कहना कि हम कश्मीर के बच्चों को पकड़ लेंगे, इसे देश के लोग पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल 1000 बच्चों को पैलेट गन लगे। 100-200 बच्चों की आंखें चली गईं।