लखनऊ। यूपी में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल सामने आ गए हैं। कई एग्जिट पोल में यूपी में बीजेपी नंबर वन पार्टी जरूर है, लेकिन बहुमत से अभी दूर है। किसी भी पार्टी को एग्जिट पोल में पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है। पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में अब सवाल यह है कि आखिर उत्तर प्रदेश में नई सरकार कैसे बनेगी। वहीं इस बीच यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान देकर सियासी गलियारे में हड़कंप मचा दिया है। अखिलेश ने इशारों-इशारों में कहा है कि 11 मार्च को अगर परिणामों में हमें पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो हम बीएसपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक यूपी में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। बहुमत न मिलता देख अचानक अखिलेश और मायावती दोनों के बयान बदल रहे हैं। अब दोनों मिलकर यूपी में सरकार बनाने की बात कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में कहा है कि गठबंधन के लिए मैं अभी इसलिए नहीं कह सकता हूं कि हम खुद सरकार बनाने जा रहे हैं। मैंने हमेशा मायावती को एक रिश्ते के तौर पर संबोधित किया है तो लोगों को लग सकता है कि कहीं हम बीएसपी से गठबंधन न कर लें। मैं कहना चाहता हूं कि हमारा बहुमत आने वाला है और हम सरकार बनाने वाले हैं। हां अगर सरकार के लिए ज़रूरत पड़ेगी तो एसपी और बीएसपी साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। क्योंकि कोई नहीं चाहेगा कि यूपी में राष्ट्रपति शासन लगे और बीजेपी रिमोट कंट्रोल से उत्तर प्रदेश को चलाए।
दलअसल अखिलेश यादव, मायावती के साथ मिलकर सरकार बनाने की इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ज्यादातर एग्जिट पोल यूपी में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं बता रहे हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक बजेपी पहले, सपा-कांग्रेस का गठबंधन दूसरे और मायावती तीसरे नंबर पर रहने वाली हैं। इसलिए बीजेपी को रोकने के लिए अगर सपा और कांग्रेस साथ आ जाते हैं तो वह बाजेपी से आगे निकलकर सरकार बनाने के लिए आवश्यक आंकड़े को छू सकते हैं। संख्या के इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी ने मायावती की तरफ अब दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। अखिलेश और राहुल गांधी को शायद इसका अंदाजा पहले से ही था इसलिए चुनाव मैदान में भी दोनों मायावती पर काफी नरम थे। मायावती बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों के साथ मिलकर यूपी में सरकार बना चुकी हैं। इस बार के एग्जिट पोल भी यही बता रहे हैं कि यूपी की त्रिशंकु विधानसभा में सत्ता की चाबी मायावती के पास ही रहने वाली है। वहीं मायावती इस मामले में अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। वो अभी नतीजों का इंतजार कर रहीं हैं। मायावती का कहना है कि उनकी पार्टी नतीजों का इंतजार करेगी। उनका तो दावा है कि बसपा अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने अखिलेश के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नतीजे आने के बाद कोई विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को यूपी से दूर रखने के मुद्दे पर वो 11 मार्च के बाद गौर करेंगी। अखिलेश के बयान पर सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि अखिलेश ने बीएसपी या बहनजी का नाम नहीं लिया है। उनका उद्देश्य सांप्रदायिक ताकतों को राज्य से बाहर रखने का है। कांग्रेस के यूपी के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी के बहुमत हासिल करने के दावे को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि गठबंधन पहले नंबर पर रहेगा, जबकि बहुजन समाज पार्टी दूसरे नंबर और बीजेपी तीसरे नंबर पर रहेगी। वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खा ने एक्जिट पोल के आकड़ों के सिरे से नकारते हुए कहा है कि यूपी में सपा ही सरकार बनाएगी। इस चुनाव में सपा को 380 सीटों पर जीत मिलेगी।