बडगाम में मुठभेड़ खत्म: एक आतंकी हलाक

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नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई का विरोध कर रहे तीन स्थानीय युवकों की भी गोली लगने से मौत हो गई, जबकि 17 अन्य लोग घायल हो गए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने मुठभेड़ खत्म होने के बाद मंगलवार शाम को बताया कि बडगाम जिले के चादूरा इलाके के दरबग गांव में एक घर में छिपे एक आतंकवादी के मारे जाने के साथ ही मुठभेड़ दोपहर में खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादी और उसका हथियार मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही मुठभेड़ खत्म हो गई है। लगभग 10 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ है। घायल जवान को अस्पताल में भर्ति कराया गया है।
मारे गए तीनों युवकों की पहचान जाहिद राशिद गनई, साकिब अहमद तथा इशफाक अहमद वानी के रूप में हुई है। यह सभी सुरक्षा बलों की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। सुरक्षा बलों की फायरिंग में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इन्होंने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। बडगाम जिले के दरबग गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने गांव को चारों ओर से घेर लिया, जिसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई।
मुठभेड़ के दौरान क्षेत्र में स्थानी लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर करने के लिए सेना ने आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया, लेकिन भीड़ पर इसका कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद सेना की ओर से प्रदर्शनकारियों पर की गई फायरिंग में तीन युवाओं की मौत हो गई। वहीं, 17 अन्य नागरिक घायल बताए जा रहे हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदर्शन कर रहे युवकों ने दरबग गांव से तीन किलोमीटर दूर नागम गांव में अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उन वाहनों पर भी पथराव किया, जिससे मुठभेड़ में शामिल सुरक्षाबलों की मदद के लिए जवानों को ले जाया जा रहा था। राज्य में लगातार जारी हिंसक घटनाओं के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि किसी भी मुद्दे का हल हिंसा के जरिए नहीं निकाला जा लकता है। शांति और वार्ता के जिए ही कश्मीर मुद्दे का हल संभव है।
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को हुई एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादी मारे गए थे। मारे गए आतंकवादियों से पुलिस ने एक एसएलआर और एक एके-47 भी बरामद किया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा के पडगामपोरा इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा बनाए गए नाके पर आतंकवादियों के वाहन को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने समर्पण करने के बजाए सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद वहां एक संक्षिप्त मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों आतंकवादी मारे गए।
मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान पुलवामा जिले के राजपुरा निवासी सईद कचरू के रूप में हुई है। जबकि, दूसरे की पहचान शोपिया जिले के नजनीनपूरा निवासी फारूक हुर्रा के तौर पर हुई है। कचरू सुरक्षा बलों की ओर से लंबे समय से उत्तरी कश्मीर सुरक्षा बलों पर हमले के मामले में वांछित उग्रवादी था। सुरक्षा बलों ने उसकी मौत को बड़ी सफलता बताते हुए कहा है कि उत्तर कश्मीर में सक्रीय आतंकियों के लिए कचरू की मौत से बड़ा नुकसान पहुंचा है।