मनहूस कोठी नम्बर 6: खाली की खाली रह गई, सबने किया दुराव

kali-das-6-लखनऊ। नई सरकार बनी और नये मंत्री बने। सबको अब अपना-अपना आशियाना भी मिल गया। सीएम से लेकर सभी मंत्रियों के बंगलों का आज आवंटन हो गया। सीएम 5 नम्बर में रहेंगे तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या 7 नम्बर कालीदास में रहेंगे। एसपी शाही को 8केडी, सुरेश खन्ना को 10 केडी, एसपी मौर्या को 14 केडी, सतीश महाना को 16 केडी एलाट किया गया है। मगर इसी पंक्ति में स्थित एक कोठी 6 केडी आज भी अपने मालिक को खोज रही है। सारे बंगले बंटने के बाद भी इस कोठी को कोई लेने वाला नहीं है।
मालूम हो कि कालीदास मार्ग कोठी नम्बर 6 ये वहीं कोठी है, जिसे प्रदेश के कदावर नेता मनहूस मानते हैं और इसके पीछे भी कई राज छिपे है, जिसमें कईयों ने पद से हाथ धोया, तो कोई दुर्घटना का शिकार हुआ और किसी ने अपना बेटा ही खो दिया। इसके चलते जिस नेता व अधिकारी ने इसे आवास व ऑफिस बनाया उसे भारी भरकम कीमत चुकानी पड़ी, जिसके कारण अब इससे लोग किनारा काटते है। इस मनहूस कोठी को राजेंद्र चौधरी ने लिया तो मंत्री पद छिनते-छिनते बचा। साथ ही पद प्रतिष्ठा को कड़ा झटका लगा। जेल और खाद्य व रसद विभाग छिन गया था। इसी क्रम में अमर सिंह और बाबू सिंह कुशवाहा को भी यह घर मिला और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। मंत्री जावेद आब्दी को यह घर मिला तो उन्होंने अपना बेटा तो खोया ही, साथ ही पूर्व सरकार के विवाद के चलते मंच से ही शिवपाल सिंह यादव ने आब्दी को धक्का देकर हटा दिया था और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद को भी गंवाना पड़ा था। इसी कोठी नम्बर 6 पर कुछ दिन के लिए प्रदेश के नामचीन व कदवर अधिकारी प्रदीप शुक्ला और नीरा यादव का आफिस भी बना, जिसमें प्रदीप व नीरा दोनों को जेल की हवा खानी पड़ी, जिसमें आज भी नीरा जेल में ही है।
मंत्री डा. वकार अहमद का आवास आंवटित होने के छह माह में ही कोमा में चले गए और दोबारा लौट के नहीं आए। मंत्री राजकिशोर सिंह को यह आवास मिला, सबसे पहले बेटा खोया, बाद में विभाग बदला, उसके बाद बर्खास्त हुए और चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी लक्ष्मी नारायण की सड़क दुर्घटना हुई और जान जाते-जाते बची थी।